देश भर में महाअष्टमी पर लगी माता के मंदिरों में कतार…सीएम योगी ने बलरामपुर में की मां पाटेश्वरी देवी की पूजा अर्चना

Maha Ashtami Mata Temple across the country CM Yogi worships Mother Pateshwari Devi

देश भर में महाअष्टमी पर लगी माता के मंदिरों में कतार…सीएम योगी ने बलरामपुर में की मां पाटेश्वरी देवी की पूजा अर्चना

देश भर में आज शनिवार 5 महाष्टमी मनाई जा रही है। महाअष्टमी पर भगवती जगदंबा के महागौरी स्वरूप की पूजा होती है। ऐसे में देश भर के देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई है। इसी बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ भी आज शनिवार सुबह बलरापुर स्थित मां पाटेश्वरी देवी मंदिर पहुंचे। जहां सीएम योगी ने पूजा-अर्चाना की।

इसके बाद सीएम योगी ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने बच्चों को चॉकलट भी बांटी। बता दें यह मंदिर बलरामपुर जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर तुलसीपुर क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पाटेश्वरी का मंदिर का सम्बन्ध देवी सती, भगवान शंकर, गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर और दानवीर कर्ण से जुड़ा हुआ है।

चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी आज

नवरात्रि चाहे शारदीय हो या चैत्र की हो,अष्टमी तिथि का दोनों में ही विशेष महत्व होता है। इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। अष्टमी तिथि पर व्रत भी रखा जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी का कन्या पूजन आज शनिवार 5 अप्रैल को होगा। बता दें कि आज शनिवार को देश भर में अष्टमी पर घर-घर में देवी के भक्त कन्या पूजन करेंगे। वहीं कल रविवार 6 अप्रैल को धूमधाम से श्रीराम नवमी मनाई जाएगी।

बता दें कि आज शनिवार को अष्टमी पर घर-घर में कन्या पूजन किया जा रहा है। वहीं कल रविवार को धूमधाम से श्रीराम नवमी मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि शुक्रवार 4 अप्रैल की रात करीब सवा 8 बजे से शुरू होकर आज शनिवार 5 अप्रैल की शाम 7:26 तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि आज शनिवार 5 अप्रैल को ही मनाई जा रही है। महाअष्टमी को व्रत का समापन करने वाले भक्त आज के ही दिन कन्या पूजन करेंगे।

महागौरी स्वरूप की पूजा की जा रही

बता दें आज महाअष्टमी पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जा रही है। नवरात्रि में सभी तिथियों पर वैसे तो एक-एक और अष्टमी — नवमी को नौ कन्याओं की पूजा कर उन्हें सात्विक भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि मां दुर्गा कन्या पूजन से दुख और दरिद्रता दूर करतीं हैं। वहीं तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति रूप में माना गया है। त्रिमूर्ति कन्या के पैर पखारने और पूजन से धन-धान्‍य में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। चार साल की कन्या को कल्याणी का स्वरुप माना जाता है। इनकी पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। जबकि पांच साल की कन्या रोहिणी कहलातीं हैं। रोहिणी रुपी कन्या की पूजा करने से व्यक्ति रोगमुक्त होता है। जबकि छह साल की कन्या को कालिका का स्वरूप कहा गया है।…प्रकाश कुमार पांडेय

Exit mobile version