यूपी के पूर्वांचल में कभी जिस माफिया मुख्तार अंसारी की तुती बोला करती थी वह अब इस दुनिया में नहीं रहा। बांदा की जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद उत्तरप्रदेश में पुलिस अलर्ट मोड पर है। वहीं मुख्तार की मौत के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। खास तौर पर बसपा, सपा, आरजेडी और कांग्रेस नेताओं ने मुख्तार की मौत पर सवाल उठाए हैं। दरअसल दो दिन पहले भी जब मुख्तार की तबीयत बिगड़ी थी तब उसे जेल से बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। जहां उसके भाई अफजाल अंसारी ने धीमा जहर देने का आरोप यूपी सरकार और जेल प्रशासन पर लगाया था। इसके बाद मुख्तार की मौत हो गई। जिससे सियासी घमासन भी तेज हो गया है।
- UP के पूर्वांचल में बोला करती थी माफिया मुख्तार अंसारी की तूती
- 5 बार विधायक चुना गया था मुख्तार अंसारी
- कभी सपा कभी बसपा से रहा विधायक
- 2017 में आखरी बार बसपा के टिकट पर बना था विधायक
- योगी सरकार बनने के बाद हुए थे मुख्तार के बुरे दिन शुरु
- माफिया मुख्तार की मौत पर सियासी बयानबाजी तेज
- मुख्तार के परिजनों ने लगाया थे धीमा जहर देने का आरोप
- तेजस्वी-पप्पू यादव के बाद ओवैसी का भी सियासी बयान
- मायावती ने की मौत की जांच कराने की मांग
राजनीति में भी की मुख्तार अंसारी के नाम का डंका बजता था। 1996 में मुख्तार पहली बार बसपा के टिकट पर विधायक चुना गया था। इसके बाद वो कभी बसपा तो कभी सपा में रहा। इस दौरान पांच बार विधायक चुना गया। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में मुख्यतार ने बसपा के टिकट पर वाराणसी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। साल 2017 में मुख्तार आखिरी बार बीएसपी के टिकट पर विधायक चुना गया था।
हत्या सहित 61 मामले थे दर्ज
करीब चार दशक तक यूपी के पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी की तूती बोलती रही। यूपी में सरकार चाहे सपा की रही हो या बसपा की, मुख्तार का रसूख कभी कम नहीं हुआ लेकिन 2017 में यूपी की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ बीजेपी की योगी सरकार आने के बाद मुख्तार के बुरे दिन शुरू हो गए थे। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पर करीब 61 मामले दर्ज थे। जिनमें हत्या के साथ ही हत्या के प्रयास और अपहरण, धोखाधड़ी, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट, सीएलए एक्ट, गैंगस्टर एक्ट से लेकर एनएसए तक के मामले शामिल है। मुख्तार के खिलाफ साल 1986 में पहली बार एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमें दर्ज किए गये लेकिन हर बार कानूनी दांवपेंच के सहारे जेल जाने से बचता रहा। साक्ष्यों और गवाहों के आभाव के चलते उसे कभी सजा ही नहीं हो पाई। जिसमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड भी शामिल है। अब यूपी में बीजेपी की सरकार आने पर 8 मामलों में उसे सजा सुनाई जा सकी थी।
दिनदहाड़े की थी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या
कृष्णानंद राय बीजेपी के विधायक थे। उन्होंने चुनाव में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को परास्त किया था। उस समय उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। मुलायम सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे। ऐसे में मुख्तार अपने भाई की हार से आगबबूला हो गया और उसके गुर्गों ने विधायक कृष्णानंद राय की बेरहमी से हत्या कर दी थी। 29 नवंबर 2005 में कृष्णानंद के काफिले पर करीब 400 राउंड गोलियां बरसाई गईं थी। जिसमें कृष्णानंद राय ही नहीं उनके साथ सात लोगों की मौत हुई थी। 400 राउंड गोलियां चलाकर उनके शरीर छलनी कर दिए गए थे। अब मुख्तार की मौत का समाचार मिलने पर कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अपनी प्रतिक्रिया जताई। पीयूष ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए ही इसकी जानकारी मिली है। पीयूष राय ने गोरखनाथ भगवान के प्रति धन्यवाद जताया और कहा कि भगवान गोरखनाथ का आशीर्वाद हम पर है। जो जैसा करता है उसे यहीं धरती पर दंड मिलता है।
राजनाथ सिंह ने मुलायम सरकार के खिलाफ खोला था मोर्चा
कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वांचल धधक उठा था। सड़क पर संग्राम होने लगा। बसों को आग के हवाले कर दिया गया सरकारी संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचाया गया। उस समय बीजेपी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने तत्कलीन मुलायम सिंह सरकार के खिलाफ सड़क पर मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद सरकार दवाब में नहीं आई तो हाई कोर्ट की शरण ली गई। जिसके आदेश पर कृष्णानंद राय हत्याकांड की जांच सीबीआई के हवाले की गई। दिवंबत राय की पत्नी अलका राय की याचिका पर मामला दिल्ली सीबीआई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था लेकिन सबूतों के अभाव में आखिरकार 3 जुलाई 2019 को सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार के साथ अफजाल समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
मायावती ने उठाए मौत पर सवाल, उच्च स्तरीय जांच की मांग
पूर्वांचल के माफिया और बसपा के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात बांदा में मौत हो गई। दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत बात कही जा रही है, लेकिन मुख्तार के परिवार और सपा, बसपा कांग्रेस ने मुख्तार की मौत पर सवाल उठाए हैं। हत्या की आंशका के आरोपों के बीच बसपा चीफ मायावती ने मुख्तार अंसारी के परिवार की ओर से लगाए जा रहे आरोपों की जांच की मांग की है।
सपा और आरजेडी ने भी जताया शोक
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर सपा की ओर से शोक प्रकट करते हुए इसे दुखद बताया है। वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जताया है। समाजवादी पार्टी ने अपने सोशल अकाउंट पर पोस्ट किया है। जिसमें लिखा गया है कि पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल दुःखद है। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। उनके शोकाकुल परिवार को यह दुःख सहन करने का संबल प्रदान करें।