मध्य प्रदेश कैडर में पूर्व एमएलए से भिड़ने वालीं महिला आईएएस निधि सिंह के बाद पंगे लेने वाली एक और महिला आईएएस का नाम सुर्खियों में है। ये हैं नेहा मारव्या। सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है कि आईएएस नेहा मारव्या ने इस बार मध्य प्रदेश की महिला आईएएस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट डाली है, वायरल होने के बाद ये पोस्ट खासी सुर्खियों में आ गई है। वैसे नेहा के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पंगे होना कोई नई बात नहीं है। इन पंगों की वजह से वे ज्यादा दिन एक जगह पदस्थ नहीं रहती हैं उनका तबादला होना भी आम बात है। लेकिन इस बार नेहा मारव्या ने CM के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से पंगा ले लिया है। दअसल आईएएस नेहा मारव्या ने स्वयं मध्य प्रदेश की महिला आईएएस अधिकारियों के वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट कर प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के साथ नई जगह राजस्व विभाग में उप सचिव के पद पर ज्वाइनिंग को लेकर हुए विवाद का जिक्र किया है। पूरे मामले को लेकर आईएएस नेहा मारव्या ने लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी। अब ये पोस्ट सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है।
2011 कैडर की आईएएस हैं नेहा मारव्या
नेहा मारव्या के कैडर की बात करें तो वे मध्य प्रदेश कैडर में साल 2011 की आईएएस अधिकारी हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से पहले ये भाजपा की दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश सरकार में खेल मंत्री यशोधरा राजे से विवाद हो गया। तब भी खासी सुर्खियां बटोरी थीं। आईएएस और मंत्री के बीच का यह विवाद मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी जा पहुंचा था। दरअसल शिवपुरी की प्रभारी कलेक्टर रहते आईएएस नेहा मारव्या प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे से उलझ गईं थीं। बताया जाता है तक प्रदेश के मुख्य सचिव ने उन्हें भोपाल तलब किया था। साथ ही जब तक शिवपुरी कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव अवकाश से नहीं लौटते तब तक नेहा को मुख्यालय छोड़ेंने की अनुमति नहीं दी थी।
शिलान्यास को लेकर मंत्री से विवाद
सूत्र बताते हैं कि खेल मंत्री यशोधरा राजे को आईएएस नेहा मारव्या ने तीन सड़कों के लोकार्पण और शिलान्यास की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद मंत्री ने मारव्या की शिकायत तत्कालीन सीएस बीपी सिंह से भी की थी। इसके बाद नेहा मारव्या को जबलपुर, दतिया जिला पंचायत और राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल की पदस्थ रहने के बाद जिला पंचायत शिवपुरी का सीईओ बनाया गया। इतना ही नहीं जानकारी सामने आ रही है कि आईएएस नेहा मारव्या जब जबलपुर में पदस्थ थीं तब जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से तगड़ा विवाद हो गया था। दोनों का मामला भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा था। इसके बाद तबादला हो गया।
इच्छामृत्यु की मांग की
आईएएस नेहा मारव्या के जब शिवपुरी पदस्थ थीं तब एक कर्मचारी ने नेहा मारव्य से इच्छामृत्यु मांगी थी। मामला सेंट्रल बैंक प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की कोशिशों तक पहुंच गया था। दरअसल जनवरी 2017 में शिवपुरी में जनसुनवाई के बीच अपनी समस्या को लेकर एक कर्मचारी ने आईएएस नेहा मारव्या से इच्छामृत्यु की मांग थी। इस पर नेहा मारव्या ने एसपी शिवपुरी को पीड़ित के खिलाफ आईपीसी सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। नेहा मारव्य से जुड़े इस तरह के कई विवाद हैं। जिनमें उनका तबादला होता रहा। अब देखना है CM के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी से पंगा लेना आईएएस नेहा मारव्य को कितना भारी पड़ेगा।