मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से प्रारंभ हो गया है। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। अब 2025-26 का बजट सदन में पेश किया जायेगा। राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा आज बुधवार 12 मार्च को बजट पेश करेंगे। बताया जाता है कि करीब चार लाख करोड़ के इस बजट को 25 सदस्यों की टीम ने मिलकर मुख्य सचिव अनुराग जैन और वित्त सचिव मनीष रस्तोगी के नेतृत्व में तैयार किया है। राज्य के इस बजट में गरीब, युवा, किसान, महिला पर विशेष फोकस रहेगा।
MP की मोहन सरकार का बजट आज होगा पेश…
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा पेश करेंगे 7वीं बार बजट…
जानें इस बार बजट में क्या कुछ होगा खास…
- आज विस में पूर्ण बजट पेश करेगी मोहन सरकार
- वित्तमंत्री पेश करेंगे करीब 4 लाख करोड़ से अधिक का बजट
- वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विस में पेश करेंगे बजट
- गरीब, किसान, महिला,युवा इस बजट के केंद्र में रहेंगे
- सिंहस्थ,औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रविधान
- कर्मचारियों के लिए 14% DA का प्रावधान
- 80 हजार से अधिक नौकरियों का वादा संभव
लगातार सातवां बजट पेश करेंगे देवड़ा
मध्यप्रदेश की डॉ.मोहन सरकार का आज बुधवार 12 मार्च को बजट आने वाला है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा लगातार सातवीं बार सदन में बजट पेश करने वाले हैं। जिसमें प्रदेश के अन्नदाता, महिला, युवा और गरीबों पर खास फोकस किया गया है। बता दें मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार 10 मार्च से राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हो चुका है।
बजट में क्या रहेगा खास?
बजट में इस बार कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी डीए का प्रावधान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त युवाओं के लिए 80 हजार से अधिक नौकरियों का वादा संभव है।
वहीं किसानों को मोहन सरकार सोलर पम्प 60 फीसदी की सरकारी गारंटी पर देने का ऐलान कर सकती है। किसान उन्नति योजना का भी वित्तमंत्री ऐलान कर सकते हैं। मोहन सरकार के पहले पूर्ण बजट में पीडब्ल्यूडी के लिए 10 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान, शहरी क्षेत्रों में आने वाले तीन साल में दस लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख आवास बनाए जाने का लक्ष्य और इसके लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये की राशि प्रावधान किया जा सकता है।
इस बार के बजट में मोहन सरकार ने प्रधानमंत्री के मंत्र किसान, महिला, युवा और गरीब पर खास फोकस किया है। वित्त विभाग की ओर से बजट से पहले सभी विभागों का आकलन करने और फीडबैक लेने के साथ ही अधिकारियों और मंत्रियों से चर्चा की गई थी। जनप्रतिनिधियों से सुझाव लिये गये थे। इसके बाद बजट तैयार किया गया था। ऐसे में इस बजट में सरकार जनता की सहभागिता के लिए उनके और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों के साथ भी बैठक कर सुझाव लिये गये थे। इसके बाद मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव और वित्त विभाग के अधिकारियों की टीम ने बजट के तैयार प्रस्तावों को लेकर चर्चा कर इसे अंतिम रुप दिया है।