मध्य प्रदेश खजुराहो नृत्य महोत्सव: आदिवासी और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए देश का पहला गुरुकुल खजुराहो में बनेगा;

मध्य प्रदेश खजुराहो नृत्य महोत्सव: आदिवासी और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए देश का पहला गुरुकुल खजुराहो में बनेगा;

मध्य प्रदेश खजुराहो नृत्य महोत्सव: आदिवासी और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए देश का पहला गुरुकुल खजुराहो में बनेगा; विश्व धरोहर स्थल पर राग बसंत पर बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

भोपाल: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में राग बसंत की लय पर नृत्य करते हुए 1484 कथक गायकों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। जब घुंघरू साधक हाथों में दीये लेकर तालबद्ध होकर नृत्य करते थे तो भारतीय संस्कृति और परंपरा अनंत काल में विलीन हो जाती थी। प्राचीन संगीत वाद्ययंत्र नगाड़ा की थाप और नर्तकों के घुंघरुओं की झंकार ने ऐतिहासिक 50वें खजुराहो नृत्य महोत्सव को अद्भुत बना दिया। डॉ. यादव ने रिकार्ड बनाने के लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए नृत्य गुरुओं एवं नर्तकों को शुभकामनाएं दीं और बधाई दी। सीएम ने किया गुरुकुल का भूमिपूजन

गिनीज रिकॉर्ड को खास बनाते हुए सीएम डॉ. यादव ने खजुराहो में आदिवासी और लोक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए देश का पहला गुरुकुल स्थापित करने की घोषणा की. उन्होंने गुरुकुल का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में वरिष्ठ गुरुओं के माध्यम से शिल्प, नृत्य, गायन, वादन, चित्रकला और उनके मौखिक साहित्य सहित आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने कहा कि इस गुरुकुल की कल्पना इस तरह की जाएगी कि ग्रामीण जीवन में उनके समग्र विकास के साथ-साथ पारंपरिक कौशल और स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों की रक्षा की जाएगी। साथ ही पूर्वजों की विरासत का भी विस्तार होगा. गौरतलब है कि डेढ़ महीने पहले विश्व संगीत नगरी ग्वालियर में तानसेन समारोह के तहत ताल दरबार कार्यक्रम में एक साथ 1282 तबला वादकों की प्रस्तुति ने ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड’ में मध्य प्रदेश के लिए कीर्तिमान स्थापित किया था. रिकॉर्ड्स’.प्रसिद्ध नृत्य गुरु राजेंद्र गंगानी की कोरियोग्राफी में प्रदेश के विभिन्न शहरों से आये नर्तकों ने राग बसंत में निबद्ध 20 मिनट की प्रस्तुति दी.

 

 

 

 

 

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