पूरी दुनिया नए साल के जश्न के लिए तैयार है। जश्न के लिए बड़ी, छोटी होटल से लेकर टूरिस्ट डेसिटनेशन भी जश्न में डूबे है। मध्यप्रदेश में भी पचमढ़ी, मांडू,खजुराहों इंदौर भोपाल में नए साल का जश्न हैं।
इस जश्न में मध्यप्रदेश के मंदिर भी पीछे नहीं मध्यप्रदेश के कई मंदिरों में लोग नए साल का जश्न मनाने जाते हैं। आइए बताते हैं आपको कि कौन से हैं वो मंदिर जहां एक नए साल में श्रृद्दालुओं की भीड़ लगती है।
महाकालेश्वर-उज्जैन
लाखों की संख्या में श्रृद्दालु नए साल में पहुंचते हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल के साथ साथ चिंतामन गणेश और हरिसिद्दी के भी दर्शन होते हैं। इन मंदिरों में नए साल में भगवान का आर्शीवाद लेने के लिए लाखों की संख्या में लोग पंहुचते हैं।
नए साल में भक्तों की और मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए प्रशासन मुस्तैद है। दस जनवरी तक महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी है। आकलन है कि इस साल महाकाल में श्रृद्दालुओं की संख्या पिछले साल के सारे रिकार्ड तोड़ सकती है।
पशुपति नाथ मंदिर मंदसौर
उज्जैन के ही पास है मंदसौर का पशुपति नाथ मंदिर । यहां भगवान शंकर की आठ मुखों की मूर्ति है। शिवना नदी के किनारे बसा इस मंदिर की सौ साल पुरानी मान्यता है।
ओंमकारेश्वर मंदिर
ज्योर्तिलिंग ओमकारेश्वर में भी दर्शन करने कई सारे श्रृद्दालु पहुंचते है। महाकाल के साथ साथ ओंमकारेश्वर में बड़ी संख्या में श्रृद्दालु दर्शन को पंहुचते हैं।
खजराना गणेश मंदिर
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की मान्यता दो सौ साल पुरानी है। कहा जाता है कि इंदौर में भगवान गणेश क इस मूर्ति की स्थापना अहिल्या बाई होल्कर ने की थी। यहां नए साल में भगवान का आर्शीवाद लेने जाते हैं।
दतिया पीताम्बरा पीठ
दतिया की पीताम्बरा पीठ भी उन मंदिरों में से है जहां श्रृद्दालु साल के पहले दिन मां बगुलामुखी का आर्शीवाद लेने जाते हैं।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के मैहर में शारदा देवी मंदिर और नलखेड़ा में मां बगुलामुखी में भी भक्तों की भीड़ एक तारीख को उमड़ती है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश के मैहर में शारदा देवी मंदिर और नलखेड़ा में मां बगुलामुखी में भी भक्तों की भीड़ एक तारीख को उमड़ती है।