एमपी बीजेपी अध्यक्ष को लेकर बड़ा खुलासा…जानें कब मिलेगा संगठन को नया मुखिया

एमपी बीजेपी अध्यक्ष को लेकर बड़ा खुलासा…जानें कब मिलेगा संगठन को नया मुखिया

मध्य प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल पूरी भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता यहां तक की नेता भी नहीं समझ पा रहा हैं कि दिल्ली क्या चाह रही है। प्रदेश में पार्टी के जिलाध्यक्षों का ऐलान होने के बाद अब तक प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की घंटी नहीं बजी है।

बीजेपी में मध्यप्रदेश संगठन को देश के आदर्श संगठनों में शुमार किया जाता है। यहां जब मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता का चेहरा पार्टी की ओर से बदला गया है तब से ही माना जा रहा था कि संगठन में भी इसी तरह का चौकाने वाला फैसला होगा। समन्वय के जरिए बीजेपी प्रदेश अयक्ष के रुप में चौकाने वाले चेहरे पर दांव लगा सकती है।

दरअसल मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की एयरपोर्ट पर हुई अमित शाह से मुलाकात के बाद अब मध्यप्रदेश बीजेपी संगठन को जल्द नया प्रमुख मिलने के आसार नजर आने लगे हैं। लेकिन इस फैसले में एक बड़ा पेंच यह हो सकता है कि इस बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी जिसे सौंपी जाएगी वह सत्ता की पसंद या ये कहें कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की पसंद का नहीं होगा। इसके साथ ही संघ की भी पसंद बीजेपी इस बार नजर अंदाज कर सकती है।

बीजेपी में जिन नामों पर चर्चा हो रही है उनमें कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे उपर लिया रहा है, तो वहीं
पूर्व मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा का भी नाम सुर्खियों में है। इतना ही नहीं सिंधिया गुट के किसी बड़े नेता को भी यह अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है, जो मुख्यमंत्री की पसंद से हटकर होगा।

इस तरह हुई थी शाह और विजयवर्गीय की मुलाकात
बता दें पिछले दिनों जीईएस के समापन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह पहुंचे थे। जैसे ही समिट का समापन हुआ उसके बाद केन्द्रीय मंत्री शाह ने मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बारे में पूछा। तो उन्हें बताया गया कि विजयवर्गीय समिट में नहीं हैं। इसके बाद अमित शाह ने विजयवर्गीय को फोन करके स्टेट हैंगर बुलाया था। संगठन से जुड़े सूत्रों की माने तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में स्टेट हैंगर के लाउंज में विजयवर्गीय के साथ शॉर्ट मीटिंग की। इस दौरान सीएम डॉ.मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और दोनों डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा भी मौजूद थे

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