मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अब करीब आ गए हैं। ऐसे में यात्राओं के जरिए सत्ता तक पहुंचने की कवायद की जा रही है। बीजेपी सत्ता में वापसी के लिए जहां जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही है। प्रदेश में 5 जगहों से यात्राएं निकाली जा रहीं हैं। जो करीब 10 हजार किलोमीटर का सफर तय कर 25 सितंबर को भोपाल में खत्म होगा। बीजेपी के दिग्गज इन यात्राओं के जरिए जनता का आशीर्वाद लेने निकले हैं। वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस जन आशीर्वाद यात्रा के जवाब में जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। वैसे सियासत में यात्राओं की अपनी अहमियत है। जिनका फायदा भी सियासी दलों को मिलता आया है।
- मप्र में विस चुनाव से पहले यात्राओं का दौर
- जन आशीर्वाद जन आक्रोश
- कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा शुरु
- जन आशीर्वाद और जन आक्रोश यात्रा
- सत्ता की मंजिल तक पहुंचने का सफर
- यात्राओं के जरिए सत्ता तक पहुंचने की कवायद
- बीजेपी निकाल रही जन आशीर्वाद यात्रा
- कांग्रेस भी जवाब में निकाल रही जन आक्रोश यात्रा
- सियासत में है यात्राओं की अपनी अहमियत
- 1990 में आडवाणी ने निकाली थी राम रथयात्रा
- राम रथयात्रा का मिला था बीजेपी को फायदा
- राहुल गांधी भी निकाल चुके हैं भारत जोड़ों यात्रा
- भारत जोड़ो यात्रा का मिला था कांग्रेस को लाभ
- कर्नाटक और हिमाचल में बनी थी कांग्रेस की सरकार
- मप्र में भी यात्राओं के जरिए सत्ता तक पहुंचने की कवायद
चुनाव से पहले कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा
मप्र में कांग्रेस भी जन आशीर्वाद यात्रा का जन आक्रोश यात्रा के जरिए देने की कोशिश करती नजर आ रही है। बीजेपी ने जहां 5 जगहों से यात्रा की शुरुआत की तो कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को 7 जगहों से शुरु कर रही है। कांग्रेस ने अपने सात बड़े नेताओं को यात्रा का जिम्मा सौंपा है। जिसमें नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह और कांतिलाल भूरिया भी शामिल हैं। 2 अक्टूबर तक निकलने वाली इस यात्रा में प्रियंका गांधी, राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल होंगे।
सियासी बहस का मुद्दा बनी यात्राएं
चुनाव से पहले निकाली जा रहीं यात्राओं ने सियासत भी गरमा दी है। वैसे यात्राओं में माहिर बीजेपी की यात्रा के जवाब में कांग्रेस सड़क पर उतर गई है। वहीं सीएम शिवराज ने तंज कसते हुए कहा जिनके खिलाफ आक्रोश हैं वो आक्रोश यात्रा निकालें। जिनको आक्रोश मिलेगा वो आक्रोश मांगेंगे। जिनको लोगों का प्यार मिलेगा वो आशीर्वाद मिलेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कांग्रेस ने कभी कोई वादा पूरा नहीं किया। जनता में आक्रोश है इसलिए है क्योंकि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए कोई वादा पूरा नहीं किया।
इस तरह मिला यात्राओं का सियासी लाभ
साल 1990 में आडवाणी की राम रथयात्रा ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया था। हाल ही में हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का असर कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। यहां कांग्रेस ने सरकार बनाई। ऐसे में यह कहना भी सही होगा कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी को जन आशीर्वाद यात्राओं के जरिए आशीर्वाद मिलता आया है। लिहाजा बीजेपी भी ये जानती है और कांग्रेस भी यात्रा की एहमियत को समझती है। यही वजह हैं कि जनआशीर्वाद यात्रा का जवाब देने के लिए आक्रोश यात्रा निकाली जा रही है। लेकिन ये यात्राएं किसे सत्ता की मंजिल तक पहुंचाएंगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।