मप्र विधानसभा चुनाव: गुलाबी होती ठंड और गरमाया चुनावी मौसम, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में बीजेपी-कांग्रेस

Madhya Pradesh Assembly Elections Amit Shah Priyanka Gandhi Rahul Gandhi

मध्य प्रदेश जैसे जैसे ठंड गुलाबी होता जा रही है, विधानसभा चुनाव की गर्मी तेज होती जा रही है। चुनाव के बीच प्रचार का शोर गुल अब धीरे-धीरे अपने सबाब पर पहुंचता नजर आ रहा है। मध्धयप्रदेश में दोनों बड़े दलों के शीर्ष नेताओं के दौरे और रैलियों का भी सिलसिला तेज हो चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह मध्य प्रदेश में डेरा डाल चुके हैं। इस चुनावी लड़ाई में अब धर्म की भी एंट्री हो चुकी है।

शाह ने फिर कही तीन ​दीवापली की बात

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जहां पीएम नरेंद्र मोदी के एजेंट को आगे बढ़ते हुए कहा इस बार मध्य प्रदेश में तीन बार दीपावली बनेगी। उनका आशय कुछ इस तरह था नवंबर के बाद मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बना कर दीपावली मनाई जाएगी। इससे बाद 12 नवंबर को देश भर के साथ मप्र में दीपावली की खुशियां मनाई जाएगी। फिर जनवरी एक बार फिर उस समय दीपावली मनाई जाएगी जब पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। उस समय मध्यप्रदेश में तीसरी बार दीपावली मनाई जाएगी। दरअसल अमित शाह 3 दिन मध्य प्रदेश की 230 सीटों का रिव्यू करने आए हैं। अमित शाह मध्य प्रदेश में 10 संभागों की बैठक ले रहे हैं। इसमें विधानसभा सीटों का फीडबैक लिया जा रहा है। जिसकी शुरुआत जबलपुर से की गई। अमित शाह ने जबलपुर पहुंचकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी के साथ बैठक की। वहीं छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव में भी सभा की और सियासी निशाना साधते हुए कहा राहुल गांधी रोज ताना देते थे। शाह ने कहा अब वे कहना चाहते हैं कि राहुल बाबा मंदिर बन गया है, तिथि बता दी है। दर्शन करके आना दर्शन करके आ जाना आपको भी संतोष हो जाएगा।

अधिकारियों को शाह की चेतावनी!

चुनावी तैयारी को रखने और सीटों का रिव्यू करने मध्य प्रदेश पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कर जाने वाले अमित शाह के सामने यह शिकायत रखी गई कि अफसर के सख्त रवैया से उन्हें परेशानी हो रही है। ऐसे में अमित शाह ने साफ तौर पर कहा की कोई अधिकारी कमल का ध्यान नहीं रखें नुकसान पहुंचा तो उसकी तुरंत शिकायत चुनाव आयोग से की जाए। ऐसे अधिकारियों को छोड़ना नहीं। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी इशारा करते हुए कहा आप भी यह संदेश दे दो कि किसी को बचा नहीं पाओगे।

प्रियंका गांधी का पलटवार, भाजपाई काम की बात नहीं करते, सिर्फ धर्म की बात करते हैं

अमित शाह के तंज का राहुल गांधी की ओर से तो अब तक कोई जवाब नहीं आया लेकिन बुंदेलखंड अंचल के दौरे पर पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जरूर अपनी सभा में अमित शाह और बीजेपी पर निशाना साधा। प्रियंका ने बुंदेलखंड से पलायन बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर राज्य की भाजपा सरकार को घेरा। वहीं उन्होंने अमित शाह को भी जवाब दिया और कहा भाजपा काम नहीं धर्म की बात करती है। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में पिछले 225 महीने में 250 घोटाले अंजाम दिए गए। अब तो उन्होंने घोटाले को गिनना भी बंद कर दिया है। प्रियंका ने कहा पहले मध्य प्रदेश आई थी तो गिनती में थी। व्यापम भर्ती घोटाला सड़क घोटाला और अब कहती हूं मुझे लिस्ट ही नहीं पढ़नी अब तो यहां पलायन बेरोजगारी ही नहीं भ्रष्टाचार भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। प्रियंका गांधी ने कहा जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां गारंटी दी जा रही है। जो सरकार गारंटी पूरी न करें उसे दोबारा वोट ना देना। बीजेपी के लोग काम की बात नहीं करते इसलिए धर्म की बात करते हैं। यह सिलसिला बंद करो इससे आपका नुकसान हो रहा है। प्रियंका गांधी ने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा किसी नेता का नुकसान नहीं होता। जहां से रोजगार पैदा होते थे बड़ी-बड़ी उद्योग आपने अपने मित्र उद्योगपतियों को दे दिए। छोटे उद्योगपतियों की कमर तोड़ दी। अब यहां से पलायन बहुत होता है। लोग काम की तलाश में नौकरी की तलाश में दूर-दूर तक जाते हैं। बीजेपी सरकार ने रोजगार नहीं दिए पिछले 3 साल में भाजपा सरकार में महज 21 लोगों को रोजगार मिला है।

चुनाव में भाजपा ने लगाया धर्म और सनातन का तड़का

इस बीच भाजपा इस चुनाव में उसने राम मंदिर और सनातन का तड़का लगाया है। यह भाजपा का जाना पहचाना मुद्दा है। इस खेल में उसे कभी मात नहीं खाना पड़ी। यह मुद्दा चल निकला तो बीजेपी कांग्रेस से बहुत आगे निकल जाएगी। बीजेपी ने जिस तरह से राम मंदिर के पोस्टर जगह-जगह चश्मा किए हैं। उसे लग रहा है बीजेपी इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव तक हवा देगी। विधानसभा चुनाव तो निपट ही जाएंगे। ऐसे में कांग्रेस को मजबूरन धर्म और सनातन के मुद्दे को हवा देना पड़ रही है। खुद को हिंदूवादी साबित करने में मध्य प्रदेश के उम्मीदवार से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी के कमलनाथ तक पसीना बहाने में जुटे हैं। अपने मूल चुनावी इश्यू में जातिगत जनगणना, रोजगार, कानून व्यवस्था, घपले घोटाले भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उछलने के साथ अब कांग्रेस धर्म और सनातन की बात भी करने लगी है।

टिकट वितरण के बाद दोनों दल में असंतोष का दल-दल

वही टिकट वितरण के बाद उपजी नाराजगी असंतोष धरना प्रदर्शन और कपड़ा फाड़ राजनीति ने कांग्रेस के साथ बीजेपी को भी परेशानी में डाल दिया है। उम्मीदवार बदलने के बाद अपने बागियों को साधने की कोशिश में कांग्रेस थोड़ा पीछे रह गई है। उसका फोकस केवल मतदाता और मैदानी प्रचार पर अधिक है। वैसे कांग्रेस में बगावत कोई नई बात नहीं है। हर बार चुनाव के मौसम में कांग्रेस में कपड़े फटना आम बात है पर बीजेपी में भी लगभग चौथी सूची जारी होने के बाद बागियों से घिरती नजर आई। इन हालात में नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। क्योंकि बीजेपी में इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं दिखाई दी। ऐसे में बीजेपी का पूरा ध्यान मतदाताओं के बजाय मौजूदा दौर में कार्यकर्ताओं को संभालने पर लगा हुआ है।

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