मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने लाड़ली बहना योजना लागू कर क्लिक से 1.25 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए। सीएम शिवराज ने कहा है ये सिलसिला यही पर थमने वाला नहीं है। बता दें सीएम शिवराज विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे की आधी आबादी को साधने में लगे हुए हैं। इसके पहले प्रदेश की सवा करोड़ महिलाओं को 1000 रुपये महीने की आर्थिक सहायता देकर उन्होंने चुनावी हिसाब से मास्टरस्ट्रोक चल दिया है। राज्य में 2 करोड़ 60 लाख के आसपास महिला मतदाता हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की दोनों ही पार्टियां महिला वोटरों को साधने में लगी है।
- आधी आबादी को साधने में सफल होते शिवराज!
- मप्र में लोकप्रिय हो रही सीएम की ‘लाड़ली बहना’
- मप्र में हैं 2 करोड़ 60 लाख के आसपास महिला मतदाता
- दोनों ही पार्टियां महिला वोटरों को साधने में जुटी
दरअसल सीएम शिवराज ने विधानसभा चुनावों से महज पांच महीने पहले मास्टर स्ट्रोक खेलकर विरोधियों के हौंसले पस्त कर दिए हैं। दरअसल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में लाड़ली बहना योजना को मास्टर स्ट्रोक समझा जा रहा है। ऐसा क्यों? इसे समझना है तो 2018 के चुनाव परिणाम देखने होंगे। उस वक्त बीजेपी को 1 करोड़ 56 लाख और कांग्रेस को 1 करोड़ 55 लाख वोट मिले थे। प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को 41.02% और कांग्रेस को 40.89% वोट मिले। यानी ओवरऑल बीजेपी और शिवराज का पलड़ा भारी ही था। 2018 के चुनाव नतीजों में यह देखने में आया कि एमपी की 230 में से 51 विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने वोटिंग में पुरुषों को पीछे छोड़ा था। इनमें करीब 80% सीटों पर बीजेपी की जीत हुई थी। यानी महिलाओं की पहली पसंद शिवराज ही थे। कांग्रेस नहीं। इसी को आधार बनाकर बीजेपी ने 2023 की रणनीति बनाई है।
महिला कर्मचारियों को 7 दिन की छुट्टी
वहीं सीएम शिवराज ने प्रदेश की महिला कर्मचारियों को भी बड़ी सौगात दी है। जीएडी के आदेश में कहा गया है कि महिला कर्मचारियों को 13 दिन का आकस्मिक अवकाश पहले से ही मिलता आ रहा है। 11 दिसंबर 1964 से यह लगातार मिल रहा है। अब सीएम शिवराज ने निर्णय लिया है कि राज्य की सभी महिला कर्मचारियों को सात दिन का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश दिया जाए। जिसे वे अपनी आवश्यकता अनुरूप उपयोग कर सकेंगी। शिवराज सरकार के इस निर्णय के बाद अब महिला कर्मचारियों को 20 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलेगा। इसे लेकर सीएम का कहना है कि महिलाएं आज हर कार्यक्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। उन पर मातृत्व और घर संभालने की दोहरी जिम्मेदारी भी है। लिहाजा सरकार ने तय किया है कि हम सभी महिला कर्मचारियों को 7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश देंगे।