उत्तरप्रदेश से पहले MP में हम साथ-साथ हैं: कांग्रेस के साथ मिलकर मप्र विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं अखिलेश

Madhya Pradesh Assembly Election Samajwadi Party

मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच कांग्रेस सत्ता पाने की छटपटाहट में समाज वादी पार्टी से गठबंधन कर सकती है। राज्य में इस साल नवंबर में चुनाव होना हैं। ऐसे में सपा भी चुनावी तैयारी मेें जुटी है। सियासी हलकों में चर्चा जोरों पर है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा है। जिसमें वे राज्य की आधा दर्जन सीटों की मांग कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल कांग्रेस ने कोई निर्णय नहीं लिया है।

दरअसल साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए के खिलाफ तैयार किये गये विपक्षी गठबंधन इंडिया की पहली परीक्षा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में होगी। जिसमें एमपी भी शामिल है।
I.N.D.I.A. में शामिल घटक दल इन राज्यों में चुनावी मैदान में खड़े नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि पहली चुनौती विधानसभा चुनावों में सीट के बंटवारे और साथ दिखने की होगी। कांग्रेस उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन की आस लगाए बैठी है। ऐसे में कांग्रेस के सामने भी मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव है। जिसमें सपा को कुछ सीटें देने का दबाव कांग्रेस पर है। वहीं सपा भी उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी आधा दर्जन से अधिक सीटें फिलहाल मांग रही है। मप्र में मिलकर चुनाव लड़े तो निश्चित ही यूपी में 2024 के चुनाव साथ मिलकर सपा कांग्रेस लड़ सकते हैं। शनी एमपी में साथ पर ही उप्र में बात बनने की उम्मीद है।

एमपी में सक्रिय सपा सुप्रिमो

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर स​क्रिय है। वे पिछले एक साल से चुनावी तैयारियों में लगे है।इससे पहले अप्रैल में भीमराव आंबेडकर जयंती पर अखिलेश यादव डॉ.अंगेडकर की जन्मस्थली मुहू में आयोजित जनसभा में शामिल हुए थे। इस दौरान अखिलेश के साथ भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर आजाद भी थे। इसके बाद अखिलेश ने एमपी नेताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर मंथन भी किया। साथ ही मध्यप्रदेश में चुनाव के दौरान जनसभा और धरना-प्रदर्शन जैसे आयोजनों की खबरें भी उप्र में सपा का मीडिया सेल लगातार जारी कर रहा है।

दो चरण में 6 सीटों पर प्रत्याशी घोषित

बता दें सपा ने दो चरणों में एमपी के लिए छह सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। जिसमें निवाड़ी से पूर्व विधायक मीरा यादव को मैदान में उतारा है। दतिया के भांडेर से सेवानिवृत्त जज आरडी राहुल, छतरपुर के राजनगर से बृजगोपाल पटेल, भिंड के मेहगांव से बृजकिशोर सिंह गुर्जर, धोहनी से विश्वनाथ सिंह मरकाम और चितरंगी विधानसभा सीट से श्रवण कुमार गोंड को उम्मीदार घोषित किया गया है। दरअसल उत्तरप्रदेश से बाहर सपा के विस्तार को लेकर सपा राष्ट्रीय पार्टी की संभावना तलाश रही है।ऐसे में उसका मध्य प्रदेश को लेकर दावा यूं ही नहीं है। पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में छतरपुर बिजावर विधानसभा से उसके प्रत्याशी राजेश शुक्ला ने जीत दर्ज की थी । इसके अलावा पृथ्वीपुर, निवाड़ी,पारसवाड़ा, बालाघाट और गुढ़ विधानसभा में पार्टी के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि कांग्रेस में हुई टूट के बाद बीजेपी की सरकार बनी जो राजेश शुक्ला ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। साल 1998 में सपा ने एमपी में चार और और इससे पहले 2003 में 7 सीट जीती थीं। पार्टी को यहां 5प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। 2008 के चुनाव में भी सपा का एक विधायक जीता था लेकिन 2013 में खाता नहीं खुल पाया था। यूपी से लगे जिलों छतरपुर, पन्ना, मुरैना, भिंड, दतिया, ग्वालियर, सतना और रीवा में सपा का जनाधार दिखाई देता है। लिहाजा पार्टी यहां हाथ आजमाने की रणनीति पर काम कर रही है। समा राज्यसभा सांसद और गठबंधन की समन्वय समिति के सदस्य जावेद अली खान का कहना है बैठक में कांग्रेस के समक्ष मप्र में गठबंधन का प्रस्ताव रखा है। जिन सीटों पर सपा प्रत्याशी जीते थे वहां और जिन सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे वहां की हिस्सेदारी कांग्रेस से मांगी है।

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