हवा हवाई साबित होगा 200 पार का नारा,संघ के सर्वे से चिंतित शिवराज ने बुलाई बैठक

Madhya Pradesh Assembly Election

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन का समय नहीं बचा है। कुछ ही महीने बाद चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होने वाला है। चुनावी हलचल बढ़ चुकी है लेकिन बीजेपी के कर्णधार नेताओं के चेहरे पर हवाईयां उड़ती दिखाई रही हैं। दरअसल बीजेपी ने मध्यप्रदेश में अबकी बार 200 पार का नारा दिया है। लेकिन उसके इस दावों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की रिपोर्ट ने खोखला साबित कर दिया है। ऐसे में एक बार फिर बीजेपी में बैठकों का दौर बढ़ गया है।

इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर बीजेपी की बड़ी बैठक बुलाई। जिसमें सीएम शिवराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में करीब तीन मंत्रियों के होने की जानकारी सामने आ रही है। इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद रहे हैं। बताया जा रहा है कि संघ ने साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम शिवराज सरकार के साथ रिपोर्ट सौंपी है। जिन विधानसभा सीटों को संघ ने डेंजर जोन घोषित किया है उन पर बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बैठक बुलाई गई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव को लेकर 3 चरणों में बैठक आयोजित की जाएगी। पहले चरण की बैठक मंत्री इंदर सिंह परमार, मोहन यादव और सिंधिया समर्थक मंत्री भरत कुशवाह पहंचे थे। हालांकि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मीना सिंह को भी बैठक में बुलाया गया था लेकिन कुछ निजी कारणों के चलते वे बैठक में शामिल नहीं हो पाए। बता दें संघ के सर्वे, कामकाज और रिपोर्ट के आधार पर चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी आगे की रणनीति तैयार कर रही है।

शिवराज सरकार को ले डूबेगी एंटी इनकंबेंसी!

दरअसल संघ ने अपने स्वयंसेवकों से सर्वे कराया था। सर्वे की रिपोर्ट में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजती सुनाई दे रही है। संघ की रिपोर्ट बता रही है कि बीजेपी इस बार चुनाव में 100 सीट का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। संघ की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजेपी सरकार की ओर से मतदाताओं को लुभाने के लिए जो मुफ्त की रेवडी बांटी जा रही है वह बेअसर है, क्योंकि एंटी कंबेंसी इतनी है कि बीजेपी का हाल 2018 के विधानसभा चुनाव से भी बुरा होने वाला है।

हर सर्वे में मिली विपरीत रिपोर्ट

संघ के सर्वे की रिपोर्ट पर भरोसा करें तो बीजेपी की स्थिति पिछली बार से भी दयनीय है। इस बार बीजेपी के पास 80 सीटों का बेस है। संघ से जुडे के सूत्र बताते हैं कि सीएम शिवराज सिंह चौहान और पार्टी प्रदेश संगठन के साथ हाईकमान तक लगातार अपने स्तर पर सर्वे करवा रहे हैं। लेकिन हर सर्वे में बीजेपी की स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।

इस बार भी बहुमत से दूर रहेगी बीजेपी!

साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत का बड़ा लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा की परेशानी तीन सर्वे रिपोट्र्स ने बढ़ा दी है। इन रिपोट्र्स के अनुसार प्रदेश के ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के जिलों में पार्टी का जनाधार खिसक रहा है। ऐसे में पार्टी ने अपना अधिक ध्यान इन क्षेत्रों की विधानसभा सीटों पर कर दिया है। इन क्षेत्रों को नेताओं को एक्टिव मोड में रहने का निर्देश दे दिया गया है। वैसे तो भाजपा हर समय चुनावी मोड पर रहने वाला राजनीतिक संगठन माना जाता है, लेकिन हाल ही में तीन तरह की सर्वे की रिपोर्टों ने प्रदेश के नेताओं को कड़ी मशक्कत करने के लिए मैदान में डटे रहने की हिदायत दे दी है। वैसे तो भाजपा प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही चुनावी मोड में नजर आ रही है। लेकिन जब से सर्वे रिपोर्ट आई हैं जिला और संभाग स्तर पर नेताओं को एक्स्ट्रा एक्टिव मोड पर लाने के निर्देश राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों ने दे दिए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश में पिछले चुनाव में भाजपा ने जिन सीटों पर कमजोर परफॉर्मेंस किया था वहां स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन जो विंध्य पार्टी की ताकत बना था वहां स्थितियां बदली दिख रही हैं। ग्वालियर चंबल संभाग में 2018 के चुनाव की तरह हालात बने हुए हैं। इस क्षेत्र में न केवल विरोधी पार्टी बल्कि पार्टी की आंतरिक गुटबाजी भी असर दिखा सकती है।

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