बीजेपी नेताओं पर कांग्रेसी डोरे,कई पूर्व मंत्रियों पर ‘दिग्विजयी’ नजर, ये बदल सकते हैं पाला!

Madhya Pradesh Assembly Election

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की नजर बीजेपी के उन बड़े नेताओं पर है जो पार्टी से किसी न किसी कारण के चलते नाराज हैं। खासकर पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों पर कांग्रेस ने डोरे डालना शुरु कर दिए हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह लगातार बीजेपी के ऐसे नेताओं के संपर्क कर रहे हैं। माना जा रहा है चुनाव से पहले बीजेपी के कई बड़े चेहरे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

अपनों के साथ बीजेपी के रुठों पर भी नजर

दिग्विजय सिंह इन दिनों प्रदेश की उन विधानसभा सीटों के दौरे पर हैं जहां पिछले ​चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इन सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के साथ यहां बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं से भी संपर्क कर रहे हैं। दरअसल पूर्व मंत्री जयंत मलैया, डॉ.गौरीशंकर शेजवार, दीपक जोशी, रामकृष्ण कुसमरिया जैसे कई नाम हैं, जिनकी नाराजगी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस के बड़े नेता बीजेपी के ऐसे नेताओं के निरंतर संपर्क में हैं। बता दें इन नेताओं में से कई से ऐसे हैं जिनसे उनकी परंपरागत सीट छीन कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी में शामिल हुए नेता को तोहफे में दे दी गई है। जहां से सिंधिया के ये समर्थक चुनाव भी जीत गए ऐसे में सियासी जमीन तलाशने के लिए ये नेता चुनाव से पहले बीजेपी से किनारा कर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।

2020 के उप चुनाव ने बदली सियासी तकदीर

दरअसल मध्य प्रदेश बीजेपी में 2020 के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। जिसकी जड़ में सिंधिया और उनके समर्थक हैं जो कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे। ऐसे में सिंधिया समर्थकों को 2020 में हुए उपचुनाव में उन सीटों पर मौका दिया गया था जहां बीजेपी के पुराने चेहरे चुनाव लड़ा करते थे, लेकिन उन्हें मौका न देकर सिंधिया समर्थकों को आगे कर दिया गया। ऐसे में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिएए अपनों से ही मुसीबत का सबब बन सकते हैं।

बीजेपी से नाराज हैं ये नेता

पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम को टिकट देने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि पार्टी की फिलहाल मौसम को टिकट देने की मंशा नहीं। ऐसे में
इन्कार किया तो संभव है बिसेन भी पैंतरा बदल सकते हैं, या उनकी बेटी मौसम को कांग्रेस टिकट दे सकती है।

मलैया के ट‍ि‍कट पर संशय बरकरार

वहीं दमोह क्षेत्र से कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया भी फिर से यहां चुनावी ताल ठोंक रहे हैं, वे अपने को नहीं तो अपने बेटे को ​बीजेपी से टिकट दिलाने की मंशा रखते हैं।
दमोह सीट से फिलहाल कांग्रेस विधायक। मलैया की उम्र और उपचुनाव में उनके बेटे पर लगे भितरघात के आरोप के चलते बीजेपी उन्हें टिकट देती है या नहीं इस पर संशय बरकरार है। ऐसे में कांग्रेस भी मलैया पर नजर रखे हुए हैं। बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में
कांग्रेस मलैया पर दांव खेल सकती है।

गौरशंकर शेजवार को बेटे के सियासी भविष्य की चिंता

पार्टी सूत्र बताते हैं कि बीजेपी में इन दिनों लूप लाइन में चल रहे पूर्व मंत्री डॉ.गौरीशंकर बिसेन अपने बेटे मुदित शेजवार के सियासी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। दरअसल शेजवार की विधासभा सीट रही सांची पर भी सिंधिया फैक्टर काम कर रहा है। यहां मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री और सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी का कब्जा है। ऐसी दशा में डॉ.शेजवार के बेटे मुदित शेजवार के सियासी भविष्य पर संकट के बादल छा गए हैं। बता दें मुदित पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी थे लेकिन उन्हें प्रभुराम चौधरी ने चुनाव हार दिया था। तब प्रभुराम कांग्रेस में हुआ करते थे आज बीजेपी में हैं। ऐसे में कांग्रेस के नेता शेजवार से लगातार संपर्क कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने प्रभराम चौधरी के खिलाफ शेजवार को चुनाव मैदान में उतरने का प्रस्ताव भी दिया है।

इस बार ‘हॉट’ रहेगी हाटपिपलिया

देवास जिले की हाटपिपया विधानसभा सीट से कभी पूर्व मंत्री दीपक जोशी मैदान में उतरा करते थे। अब यह कांग्रेस से आए मनोज चौधरी के पास है। ऐसे में पूर्व सीएम स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे दीपक का सियासी भविष्य भी संकट में है। क्योंकि साल 2020 में हुए विधानसभा के उपचुनाव के दौरान भी दीपक जोशी ओर दिग्विजय सिंह के बीच कई मुलाकातें हुई थीं। तब भी कयास लगाए जा रहे थे कि दीपक जोशी कांग्रेस से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि तब वे मनमसोस कर रहे गए, लेकिन अब बदले हुए माहौल में दीपक जोशी भी मंथन में जुटे हैं। अपने समर्थकों से राय ले रहे है तो वहीं कांग्रेस नेता भी उनसे संपर्क बनाए हुए हैं।

देखें वीडियो-

बीजेपी नेताओं पर कांग्रेसी डोरे,कई पूर्व मंत्रियों पर ‘दिग्विजयी’ नजर, ये बदल सकते हैं पाला!

Exit mobile version