मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मध्यप्रदेश में कुल 5.52 करोड़ वोटर नई सरकार चुनेंगे। 18.86 लाख वोटर पहली बार 2023 के चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मध्य प्रदेश में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयारी पूरी हो गई है। वरिष्ठ नागरिक ज्यादा से ज्यादा वोटिंग करें, इसके लिए खास व्यवस्था की गई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वह घर से वोटिंग कर सकेंगे। इस बार कुल 5.52 करोड़ वोटर नई सरकार चुनेंगे। 18.86 लाख वोटर 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के हैं और पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
- कुल मतदाताओं को संख्या 5.52 करोड़
- 100 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं की संख्या 6,180
- 80 साल या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 7.12 लाख
- वरिष्ठ नागरिक कर सकेंगे घर से वोटिंग
- घर से वोटिंग के लिए बुजुर्गों को भरना होगा फॉर्म 12
- 18-19 साल के वोटरों की संख्या 18.86 लाख
- यह लोग पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे
- 230 विधानसभाओं में नियुक्त किए जायेंगे एक-एक AERO
- कुल मतदाता केदो की संख्या 64,523
50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों की होगी वेब कास्टिंग बनाए जायेंगे 15 हजार आदर्श मतदान केंद्र । हर बूथ पर औसत 843 वोटर होंगे। इतना ही नहीं इस बार पोलिंग बूथ से दूरी 2 किमी से ज्यादा नहीं होगी निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने तीन स्तरों पर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की है। पहले चरण में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उनके मुद्दों को समझा। उसके बाद जिलों के कलेक्टरों और एसपी से तैयारियों पर चर्चा की गई। इसके बाद मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर पर बैठक की गई। निर्वाचन आयोग ने बताया कि राजनीतिक दलों ने मांग उठाई थी कि एक ही परिवार के सदस्यों का मतदान केंद्र एक ही होना चाहिए। इसे मान लिया गया है। बुजुर्ग मतदाता के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा दी गई है। नामांकन से पांच दिन के अंदर अगर यह फॉर्म 12 भरा जाएगा तो आयोग की टीम बुर्जुग के पास घर जाकर मतदान कराएगी। वह मतदान निष्पक्ष रहे वोट की गोपनीय बनी रहे। इसके लिए उसकी वीडियोग्राफी भी होगी। उसकी सूचना सभी राजनीतिक दलों को दी जाएगी।
इसी तरह 50 वोट डालकर मॉक पोल की मांग उठी है। फेक न्यूज पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। चुनाव प्रभावित करने वाले अधिकारियों का तबादला करने की मांग उठी थी उस पर विचार किया जाएगा।
आपराधिक रिकॉर्ड,दलों को देना होगी जनता को जानकारी
इस बार यदि कोई पार्टी चुनाव में आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशी को मैदान में उतारी है तो उसे जनता को बताना होगा कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया। राजनीतिक दल को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा और बताना होगा। उसे आपराधिक पृष्ठभूमि का उम्मीदवार ही क्यों चुनना पड़ा। दलों को यह बताना पड़ेगा क्या उसे क्षेत्र में कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिला। उसने आपराधिक छवि के व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों बनाया। इतना ही नहीं मतदान का प्रतिशत बढ़ाने और मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं मुहैया करने के लिए राज्य के अधिकारियों के साथ चुनाव आयोग की टीम ने मंथन किया।