मप्र विधानसभा चुनाव: बीजेपी – कांग्रेस को महिलाओं और अल्पसंख्यक के चाहिए सिर्फ वोट…टिकट देने में कंजूसी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है। जबकि 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। बीजेपी ने अब तक अपने 136 और कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। शेष प्रत्याशियों के नामों पर मंथन जारी है। वैसे दोनों ही दलों ने सत्ता हासिल करने के लिए अपनी-अपनी लिस्ट में जातीय संतुलन का खास ध्यान रखा है। हालांकि अभी तक घोषित दोनों दलों के 280 प्रत्याशियों की सूची में सिर्फ एक मुस्लिम को टिकट मिली है। मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट देखने पर जो एक खास बात सामने आई है। वह यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को टिकट देने में जोश देखने को नहीं मिला।

बीजेपी ने नजर अंदाज किया है। वहीं कांग्रेस ने भी कंजूसी करती नजर आई। बीजेपी की ओर से 136 उम्मीदवारों में किसी भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया गया। जबकि कांग्रेस की ओर से भी 144 कैंडिडेट की पहली लिस्ट में सिर्फ भोपाल मध्य सीट से आरिफ मसूद को मुस्लिम चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि राज्य में मुस्लिमों वर्ग की जनसंख्या करीब 7 फीसदी है।

आधी आबादी का महज वोट हासिल की कवायद

महिलाओं की कर ली जाए तो आधी आबादी को पूरा हक देने की बात करने वाली पार्टियां महिलाओं को टिकट देने में अभी भी बड़ा दिल नहीं दिखा पाई हैं। बीजेपी ने सिर्फ 12 प्रतिशत तो कांग्रेस ने 13 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दी है। बीजेपी के अब तक घोषित उम्मीदवारों में 16 महिलाओं को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस की 144 उम्मीदवारों की सूची में केवल 19 महिलाओं को जगह मिली है।

पिछ़ड़ा वर्ग को लुभाने की कोशिश

राज्य के सबसे बड़े मतदाता वर्ग यानी ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीजेपी के अभी तक घोषित उम्मीदवारों में 29 प्रतिशत यानी 40 टिकट ओबीसी को दिए हैं। वहीं,कांग्रेस ने भी पहली लिस्ट में 27 प्रतिशत यानी 39 ओबीसी उम्मीदवार मैदान में उतारे है।

बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को सवर्ण वर्ग को प्रिय

सवर्ण वर्ग को टिकट देने में अभी कांग्रेस आगे है। कांग्रेस की सूची में शामिल 52 उम्मीदवार यानी 36 प्रतिशत सवर्ण वर्ग से आते हैं। बीजेपी की ओर से भी 48 सवर्ण यानी 35 प्रतिशत उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं। इसी तरह अनुसूचित जनजाति के 20-20 उम्मीदवारों के नाम दोनों ही दलों ने घोषित कर दिए है। बीजेपी ने 22 प्रतिशत और कांग्रेस ने 20 प्रतिशत आदिवासी चेहरों को अपनी लिस्ट में जगह दी है। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग के कांग्रेस ने 22 तो बीजेपी ने 18 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान अपनी सूची में किया है। ऐसे में देखा जाए तो कांग्रेस की ओर से इस वर्ग के महज 15 प्रतिशत तो बीजेपी की ओर से महज 13 प्रतिशत प्रत्याशियों का नाम घोषित किया है। यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीट आरक्षित हैं। दोनों की जनसंख्या करीब 20 से 22 प्रतिशत के बीच है।

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