शाह का जानापाव जाना, आदिवासी वोट पर निशाना,बिना मालवा निमाड़ नहीं खुल सकता सत्ता का किवाड़

Amit Shah's visit to Indore

इंदौर में जानापाव के दर्शन कर अमित शाह मालवा निमाड़ क्षेत्र को साधने की कोशिश की है। दरअसल मध्य प्रदेश में सत्ता का शिखर हासिल करने के लिए मालवा निमाड़ का रण जीतना जरूरी है। अमित शाह का मकसद भी आदिवासी वोटरों को साधना है। क्योंकि मालवा-निमाड़ की ताकत को पिछली बार बीजेपी आंक चुकी है। इस बार वो कोई रिस्क लेना नहीं चाहती।

शाह की टीम ने संभाले मप्र चुनाव के सभी सूत्र

मध्य प्रदेश के चुनाव के सारे सूत्र अब अमित शाह की टीम ने अपने हाथ में ले लिए हैं। उनकी यह यात्रा उसी रणनीति का हिस्सा है। अमित शाह इंदौर-उज्जैन संभागो की 66 सीटों को लेकर रणनीति पर काम कर रहे हैं। दरअसल बीजेपी लगातार इस इलाके में मजबूत रही है। लेकिन पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन मालवा निमाड़ में ठीक नहीं रहा। पार्टी के हाथ से सत्ता भी फिसल गई थी। जब सीटें बीजेपी के हाथ से फिसली तो कांग्रेस ने लपक लीं। कांग्रेस जिसे 2013 के विधानसभा चुनाव में मालवा निमाड़ से सिर्फ 6 सीट मिली थीं उसने 2018 के चुनाव में 35 सीट पर जीत दर्ज की और सरकार बनाई। मालवा निमाड़ के जरिए जुड़ने वाली 27 सीटों ने कांग्रेस को मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज कर दिया था। हालांकि 2020 में सिंधिया की बगावत ने कांग्रेस के हाथ से सत्ता छीन ली। अब बीजेपी नहीं चाहती कि 2018 वाली स्थिति फिर से बने। ऐसे में में विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह का पूरा फोकस मध्यप्रदेश पर है।

चुनावी तैयारी पर शाह ने किया मंथन

विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर रविवार को इंदौर में अमित शाह ने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और इंदौर संभाग के संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें अमित शाह ने इसके साथ ही चुनाव की रणनीति को लेकर मंथन किया। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के दौरान शाह ने साफ संकेत दिये हैं कि विधानसभा का चुनाव संगठन के नाम पर लड़ा जाएगा। किसी विधायक या सांसद के नाम पर नहीं। इंदौर में शाह ने करीब दो घंटे बैठक की।

दोहराई नहीं जाएगी पिछली गलती

पार्टी सूत्रों की माने तो अमित शाह ने पिछली बार 2018 में विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को मिली हार पर चर्चा की और हारी हुई सीटों को दोबारा कैसे जीता जाए इसे लेकर रोड मैप बनाया जा रहा है। आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटों में से 31 पर परचम लहराया था। शाह ने बताया कि इन सीटों को अपने पक्ष में कैसे लाया जाए। इस पर काम करना है। उन्होंने कहा 2018 में पार्टी से जो चूक हाे गई थी वह इस बार नहीं दोहराई जाएगी।

प्रकाश कुमार पांडेय

Exit mobile version