भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में जनजातीय गौरव दिवस पूरे उत्सव के साथ मनाया जा रहा है राजधानी रायपुर में आज और कल 2 दिन विशेष कार्यक्रम होंगे 14 और 15 नवंबर को राज्य स्तरीय आयोजन, किया जाएगा जिसमें 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल अपनी प्रस्तुति देंगे। इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली रुप से शामिल होंगे। इस दौरान वे पीएम जनमन योजना में शामिल विभिन्न जिलों के हितग्राहियों के साथ संवाद भी करेंगे।
- भगवान बिरसा मुंडा की जयंती
- जनजातीय गौरव दिवस
- छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय भव्य आयोजन
- दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन
- छत्तीसगढ़ के साथ 18 राज्यों के आदिवासी कलाकार होंगे शामिल
- नर्तक दल पेश करेंगे अपनी अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां
- मध्यप्रदेश के भील भगोरिया नृत्य की होगी प्रस्तुति
- अरूणाचल प्रदेश के आदि लोक नृत्य नाटिका
- मेघालय के गारो लोक नृत्य का होगा प्रदर्शन
- नागालैण्ड का होगा आओ नागा लोक नृत्य
- कलाकारों की ओर से पेश की जाएंगी विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां
जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाई जा रही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती
बता दें राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों पर भी गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में ही राजधानी रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में दो दिन तक 14 और 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रुप में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जा रही है। रायपुर में राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आदिम जाति विभाग की ओर इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर दो दिन तक 11 बजे से रात 8 बजे तक जनजातीय गौरव पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। दो दिवसीय इसराज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस को भव्य और यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से विशेष इंतजाम किये गये हैं।
18 राज्यों के आदिवासी कलाकार होंगे शामिल
देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों के साथ लोक कलाकारों को विशेष रूप से न्यौता दिया गया है। जिसमें देश के करीब 18 राज्यों के 22 आदिवासी नर्तक दल शामिल हो रहे हैंं। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, अरूणांचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित कई राज्यों के आदिवासी नर्तक दल शामिल हैं। पुरूष और महिला कलाकारों की संख्या करीब 425 है।