राहुल गांधी के साथ I.N.D.I.A को मिली राहत, अब यह होगा I.N.D.I.A का अगला कदम

Lok Sabha Membership

मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। इसके बाद विपक्ष के लिए राजनीति में संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं। बेंगलुरु की विपक्षी एकता बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत दूसरे विपक्षी नेताओं को सामने रखा गयाा। राहुल गांधी उस बैठक में खुद पीछे रहे थे।

सियासी जानकारी कहते हैं राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होने पर उनके विपक्ष की एकता अभियान के केंद्र में आने की संभावना बढ़ गई है। बता दें राहुल गांधी को जब 2 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, तब बगैर देर उनकी संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। अब जबकि सजा पर रोक लगा दी गई है, इसके बाद भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं की जाती है ऐसे में जनता में राहुल गांधी के प्रति सहानुभूति बढ़ सकती है। ऐसे में निश्चित ही बीजेपी के कर्णधार इस पर भी मंथन कर रहे होंगे।

विपक्ष को कर दिया एकजुट

सियासी जानकारों का कहना है कि विरोधियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल जमकर किया गया। जिससे विपक्ष के दल एकजुट हो गए। इस बीच राहुल गांधी का मेटर आ गया। राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया गया। जिससे विपक्ष में हड़कंप की स्थिति बन गई और उन्होंने इस मसले को एक बड़े खतरे की घंटी की तरह लिया है। अब विपक्ष को लगने लगा है कि राहुल गांधी नप गए तो किसी और को भी इस संकट का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा विपक्षी एकता तेज से दिखाई ऐने लगी और गठबंधन का नया नाम INDIA रखा गया। जिसने विपक्ष को मैदान में एनडीए के समक्ष ला खड़ा किया है। जो विपक्ष ED-CBI  की कार्रवाई के बाद जनता से सहानुभूति बटोरने में नाकाम रहा उसे राहुल गांधी पर कार्रवाई के बाद सहानुभूति मिलने लगी, लोगों को लगा कि राहुल गांधी के साथ गलत हुआ है,सरकार की कड़ी आलोचना करने की सजा राहुल को मिली है।

फैसले से कांग्रेस की खुल गई लॉटरी

देश की सर्वोच्च अदालत ने गुजरात की सूरत ट्रायल कोर्ट और गुजरात उच्च न्यायालय को यह कहकर फटकार लगाई है कि अपने अपने आदेशामें में दोनों कोर्ट की ओर से यह नहीं बताया गया कि आखिर मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की अधिकतम सजा ही क्यों दी।  हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी के बयान को भी गलत ठहराते हुए नसीहत दी कि एक पब्लिक फीगर होने के नाते राहुल गांधी को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।

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