लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी पर अपना हमला जारी रखा है। राहुल गांधी ने अब दावा किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद लोगों में पीएम नरेंद्र मोदी का डर खत्म हो गया है। बता दें तीन दिन की अमेरिका पर गए राहुल गांधी वर्जीनिया के हर्नडॉन में भारतीय प्रवासी कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत में छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों के माध्यम से डर और दबाव बना रहे थे। लेकिन यह डर और दबाव कुछ ही सेकंड में सब कुछ गायब हो गया।
- अमेरिका में राहुल गांधी का बड़ा बयान
- राहुल ने सत्तारूढ़ BJP और RSS पर भी किया हमला
- राहुल ने कहा अब डर खत्म हो गया है
- इतिहास बन गया पीएम मोदी का 56 इंच का सीना
- निष्पक्ष चुनाव को लेकर बोले राहुल गांधी
- ‘अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो बीजेपी 246 के करीब नहीं पहुंचती’
- ‘वे इसे स्वतंत्र चुनाव नहीं मानते’
- ‘चुनाव आयोग ने वही किया जो BJP ने कहा’
- ‘वे इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखते हैं’
अमेरिका में राहुल ने भारत को बताया गरीब ओर उत्पीड़ित
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा कि गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत ने अब यह समझ लिया है कि संविधान अगर समाप्त हो गया तो पूरा खेल समाप्त हो जाएगा। भारत के गरीबों ने यह गहराई से समझ लिया कि भारतीय संविधान की रक्षा करने वालों और भारतीय संविधान को नष्ट करने वालों के बीच की यह लड़ाई है। अब जाति जनगणना का मुद्दा और भी बड़ा हो गया। यह चीजें अचानक एक साथ सामने आने लगीं हैं। उन्होंने नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो भारत में बीजेपी 246 सीट के करीब पहुंचती।
राहुल गांधी के इस बयान पर विवाद हो रहा है। क्योंकि वे विदेशी धरती से एक संवेदनशील मुद्दे पर बोल रहे हैं। वे गरीबी और उत्पीड़न के मुद्दों को उठा रहे हैं। हालांकि भारत में वास्तविक समस्याएं हैं, लेकिन राहुल गांधी बयान, विदेश में देश का अपमान माना जा सकता है। क्योंकि यह नकारात्मक धारणा पैदा कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक नेताओं को अपने बयानों में सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर जब वे विदेश में बोलते हैं। उनके बयानों का देश की छवि और राष्ट्रीय भावनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान सत्तारूढ़ बीजेपी और केन्द्र की मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखा। राहुल ने ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद लोगों में भातर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खौफ खत्म हो गया है। बता दें अमेरिका में वर्जीनिया स्थित हर्नडॉन में भारतीय प्रवासी कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी ने व्यवसायों पर केन्द्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से डर और दबाव बना रहे थे, लेकिन यह डर और दबाव कुछ ही सेकंड में सब कुछ गायब हो गया। राहुल गांधी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वे कहते सुनाई दे रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद कुछ बदल गया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि अब डर नहीं लगता। अब डर निकल गया है।
अब नहीं रहा मोदी का 56 इंच का सीना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी यहीं नहीं रुके उन्होंंने कहा संसद में वे जब प्रधानमंत्री को सामने देखते हैं और वे बता सकते हैं कि मोदी का विचार और उनका 56 इंच का सीना भगवान से उनका सीधा संबंध अब यह सब खत्म हो चुका है। यह सब अब भारत में इतिहास बन चुका है। राहुल गांधी ने कहा बीजेपी को यह समझ में नहीं आता कि यह भारत सबका है। भारत एक संघ है। भातर के संविधान में भी यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है।
भारत को नहीं समझते RSS वाले
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा आरएसएस का कहना है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से नीचे हैं। कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से नीचे हैं। कुछ धर्म दूसरे धर्मों से हीन हैं। कुछ समुदाय दूसरे समुदायों से नीचे हैं। ये लोग आरएसएस वाले भारत को नहीं समझते।
राहुल की बात भले ही सहीं हों…! लेकिन जगह गलत है!
वैसे जो बात राहुल गांधी अमेरिका में बैठकर कह कह रहे हैं,वहीं बात भारत में, भारत संसद में या सार्वजनिक मंचों पर उठाना अधिक उचित होता। जिससे वे जनता की आवाज उठाने के रूप में देखे जा सकते थे। विदेशी धरती पर भारत की आलोचना करना अक्सर विवादास्पद होता है। क्योंकि यह देश की छवि को प्रभावित कर सकता है। विरोधी देशों को भारत के खिलाफ उपयोग करने का अवसर दे सकता है।। यदि राहुल गांधी ने अपनी चिंताओं को भारत में उठाया होता, तो वे निश्चित रूप से अधिक प्रभावी और सार्थक होते। उन्हें जनता की आवाज उठाने के रूप में देखा जा सकता था।