पश्चिम बंगाल में पार्टी दफ्तर में छुपने को क्यों मजबूर हैं BJP कार्यकर्ता….! बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा का दौर शुरु

लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार ने कामकाज शुरू कर दिया है। नए मंत्री अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा भी कर चुके हैं लेकिन पश्चिम बंगाल की तस्वीर बदलते नजर नहीं आ रही है। लोकसभा चुनाव के बाद वहां हिंसा का दौरा जो शुरू हुआ तो वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि टीएमसी की ओर से बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले कराये जा रहे हैं।

हालत यह है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को अपना घर छोड़कर परिवार के साथ बीजेपी कार्यालय में शरण लेना पड़ रही है। जान बचाने के लिए उन्हें बीजेपी कार्यालय में छुपना पड़ रहा है। इसके बाद भाजपा ने चार सदस्यों की टीम का ऐलान किया है जो कोलकाता पहुंचेगी। जहां कार्यकर्ता चुनाव के बाद हिंसा का शिकार हो रहे वहां का जायजा लेगी। कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेगी। ऐसे में पश्चिम बंगाल में हालात कब सामान्य होंगे यह एक बड़ा सवाल बनकर सामने खड़ा हुआ है। भाजपा कार्यकर्ता अभी भी डरे हुए हैं। हालात यह है कि बीजेपी दफ्तर दफ्तर कार्यकर्ताओं से भरे हुए हैं। एक के बाद एक कार्यकर्ता अपने परिवार के साथ अपना घर छोड़कर बीजेपी दफ्तर में छुपने को मजबूर नजर आ रहे हैं। हालांकि टीएमसी इससे इनकार कर रही है। इसे राजनीति का हिस्सा बता रही है। लेकिन कैसे सुधरेंगे बंगाल के हालात, कैसे खत्म होगी यह सियासी राउडी अभी यह बड़ा सवाल है।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का पुराना इतिहास

विशेषज्ञों की माने तो पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जिस तरह से जीत हुई है। उससे उनका कॉर्डर पूरे जोश में नजर आ रहा है। सुदूर गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए यह परेशानी का सब बन गया है। पहले से ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहा है। वामपंथी दलों के समय से ही हिंसा का दौर देखा गया है। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जिस तरह से वहां से वामपंथी दलों को बेदखल किया गया है।
वह भी पूरा मामला हिंसक रहा है। अब बीजेपी और टीएमसी के बीच युद्ध जारी है। पूरे चुनाव को देखें तो केवल पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौरा पूरे समय जारी रहा। जबकि देश के दूसरे हिस्सों में ना के बराबर इस तरह के नजारे सामने आए। ऐसे में यह देखने की जरूरत है किस तरह से पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था को सही किया जा सकता है। इसमें केंद्र सरकार भी अपनी कोशिश करते नजर आएगी। भाजपा केंद्र में सरकार है। बीजेपी के कॉर्डर को ही पश्चिम बंगाल में परेशानी हो रही है। ऐसे में वह कोशिश करेंगे कि चाहे राज्यपाल के जरिए करें या दूसरे तरीके से हालात में किसी तरह से सुधार हो।

बीजेपी ने गठित की चार सदस्यीय टीम

बीजेपी ने चार सदस्य टीम गठित की है। जो पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगी। जिसमें विप्लव देव को संयोजक बनाया गया है। जबकि बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद, सांसद बृजलाल बीजेपी और सांसद कविता पाटीदार को सदस्य के तौर पर टीम में शामिल किया गया है। यह टीम जल्द ही पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी।

हालांकि विशेषज्ञ इस टीम को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। उनका कहना है कि यह टीम दौरा करेगी तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यह टीम अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट करेगी। उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या करेंगे इस रिपोर्ट का। सीधे-सीधे केंद्र सरकार को इस राज्य में इंटरफेयर करना चाहिए। जिस तरीके से बंगाल में हिंसा का दौर चल रहा है। उसे पर किसी तरह से अंकुश लगाया जाए।

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