यूपी लोकसभा चुनाव 2024: रायबरेली और अमेठी में 20 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान के साथ, नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा तेजी निकल रही है। ऐसे में रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बनाए रखने की कांग्रेस पार्टी की रणनीति एक राजनीतिक पहेली में बदल गई है। जिसे समझने के लिए सियासी पंडित और नेता कोशिश कर रहे हैं। जैसे-जैसे सस्पेंस बना रहता है, यह प्रत्याशा बढ़ती जाती है कि आख़िरकार पर्दा हटने पर क्या होगा, किसका नाम सामने आ सकता है। यहां 26 अप्रैल से शुरु हुई नामांकन प्रक्रिया 3 मई तक जारी रहेगी, ऐसे में अब कांग्रेस को जल्द फैसला लेना होगा।
- यूपी लोकसभा चुनाव 2024
- कांग्रेस में रायबरेली और अमेठी पर सस्पेंस
- 20 मई को पांचवें चरण में होगा मतदान
- संभावित उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस
- राहुल गांधी नहीं चाहते अमेठी में फिर स्मृति से लड़ें चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान संकेत देते हुए कहा था कि रायबरेली और अमेठी में आपको कुछ प्रकार का आश्चर्य मिलेगा। अब अटकलें इस बात को लेकर घूम रही हैं कि क्या प्रियंका गांधी वाड्रा 2024 में रायबरेली या अमेठी से चुनावी मैदान में उतरेंगी, जो ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस के लिए 2019 में उलटफेर होने तक गढ़ रहे हैं। जब राहुल गांधी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गए थे।
सोनिया गांधी की चिट्ठी से दिये थे संकेत, उतरेगा परिवार का सदस्य
सोनिया गांधी, जो यूपी से लोकसभा चुनाव जीतने वाली एकमात्र कांग्रेस सांसद थीं। अब राजस्थान से राज्यसभा का रास्ता अपनाया है। 14 फरवरी, 2024 को रायबरेली के लोगों को लिखे अपने पत्र में, सोनिया गांधी ने कहा वे अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों से अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। मुझे यकीन है कि आप मेरा और मेरा ख्याल रखेंगे। परिवार कठिन समय में है जैसा कि आप अब तक करते आ रहे हैं। लोगों से अपने परिवार का ख्याल रखने की अपील करने वाली सोनिया की अपील को इस संकेत के रूप में समझा गया है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा। वहीं रायबरेली जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पंकज तिवारी कहते हैं “सोनिया गांधी का पत्र संकेत देता है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा। चाहे वह प्रियंका हो या राहुल गांधी, हमें यकीन है कि उनमें से एक चुनाव लड़ेगा। वहीं अमेठी के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने इस विश्वास को दोहराया। विश्वास व्यक्त किया कि राहुल या प्रियंका गांधी में से कोई एक अमेठी से चुनाव लड़ेगा। जबकि पार्टी के भीतर विभिन्न अटकलें चल रही हैं। फेरबदल और संयोजन के साथ जल्द ही तस्वीर सामने आने की उम्मीद है। भाजपा ने इस बार भर स्मृति ईरानी को अमेठी से मैदान में उतार दिया है।
नामांकन के बाद स्मृति ने साधा राहुल पर निशाना
अमेठी में सियासी पारा अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। भाजपा की ओर से सोमवार को स्मृति ईरानी ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। लेकिन कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी एक बार फिर अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। कांग्रेस ये तय नहीं कर पा रही है कि अमेठी से प्रत्यायी कौन होगा। वहीं स्मृति ईरानी ने नामांकन के बाद राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए स्मृति ने कहा कि ये वो अमेठी है जिसने पन्द्रह साल एक लापता सांसद के चलते खाद की लाइन में खड़े किसानों को छाती और पीठ पर लाठी पड़ते देखा।
अखिलेश का इशारा अमेठी से चुनाव मैदान में उतरे राहुल
वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनावी रणनीति की ओर इशारा करते हुए उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की संभावित उम्मीदवारी का सुझाव दिया है। समाजवादी पार्टी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के निर्णयों के पालन पर जोर देने की बात कही और संकेत दिया कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति रायबरेली और अमेठी के लिए उम्मीदवारों का फैसला करेगी। लेकिन अनिश्चितता बनी है। यूपी में कांग्रेस नेता गुमनाम रूप से विभिन्न संभावनाओं पर अटकलें लगाते हैं। जिनमें रायबरेली और अमेठी में प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी राहुल गांधी की समान क्षमता यहां तक कि दोनों नेताओं के उत्तर प्रदेश में चुनावी मुकाबले से बाहर होने की संभावना भी शामिल है।