सपा के गढ़ आजमगढ़ में एमपी के सीएम डाॅ.मोहन यादव, अखिलेश को देंगे ये चुनौती

मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव आज 13 फरवरी को यूपी के दौरे पर रहेंगे। वे आजमगढ़ क्लस्टर के तहत आने वाले पांच लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी पदाधिकारी की बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान मोहन यादव पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी देंगे। मोहन यादव के इस दौर से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों पर भी वे आगामी दिनों में भी प्रचार करेंगे। सियासी जानकारों की माने तो बीजेपी ने यूपी में अखिलेश यादव की टक्कर मोहन यादव को मैदान में उतार दिया है। सबसे खास बात यह है कि सीएम डाॅ.मोहन यादव आज जहां जा रहे हैं। वह क्षेत्र यूपी में समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।

तीन बैठकों को करेंगे संबोधित

यूपी के एक दिवसीय प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ . मोहन यादव आजमगढ़ में तीन बैठकों में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इनमें जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और लोकसभा संयोजक के साथ लोकसभा प्रभारी ही नहीं लोकसभा प्रबंध समिति के पदाधिकारी और मौजूदा सांसद, विधायक के साथ कई जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।

इस बार बीजेपी का लक्ष्य ”400 पार”

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में इस बार 400 सीटों का लक्ष्य तय किया है। इसी लक्ष्य को  परा करने के उद्देश्य से पार्टी ने देशभर में लोकसभा क्षेत्रों को क्लस्टर के रूप में विभाजित किया है।। पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी क्लस्टर स्तर पर पहुंचकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें लेकर उन्हें जीत का मंत्र दे रहे हैं। इसी कड़ी मप्र के मुख्यमंत्री डॉण् मोहन यादव यूपी में आजमगढ़ क्लस्टर के तहत आने वाले पांच लोकसभा क्षेत्रों में बैठकें लेने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यूपी में लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बीजेपी की कमान संभालेंगे। इसकी शुरुआत वे यूपी के आजमगढ़ क्लस्टर के आजमगढ़, बलिया, लालगंज, घोसी और सलेमपुर समेत पांच लोकसभा क्षेत्रों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकों में शामिल होंगे।

मिशन 80 में योगदान देंगे सीएम मोहन यादव

बता दें जब मध्य प्रदेश में डाॅ.मोहन यादव को बतौर मुख्यमंत्री के रूप में अहम जिम्मेदारी दी गई थी उसी समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को टक्कर देने के लिए डॉ मोहन यादव को आगे लेकर आई है। अब उनके यूपी दौरे से राज्य में एक बार फिर सियासत गरमा गई है।

20 फीसदी यादव वोटर्स

दरअसल उत्तरप्रदेश में ओबीसी और दलित वोट के आसपास राजनीति घूम रही है। पिछले कुछ दशक का चुनावी इतिहास देखें तो यूपी की राजनीति में दलित के बाद ओबीसी मुख्य रोल अदा कर रहे हैं। सूपी की 52 फीसदी ओबीसी आबादी में करीब 20 प्रतिशत यादव समाज हैं। जबकि राज्य की कुल आबादी में करीब 11 प्रतिशत यादव वोट की हिस्सेदारी है। यह वोटर्स बसपा और कांग्रेस से दूरी बनाए रखते हैं। हालांकि यूपी में सपा को यादवों के करीब 90 प्रतिशत वोट मिलते रहे हैं। इसीलिए सपा अपने ओबीसी और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे यूपी में सत्ता पर राज करती रही है। यही वजह है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अब यादव के अलावा मौर्या,, कुर्मी पटेल, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, लोध, फीसदी गडरिया पाल, कुम्हार, गूजर और राजभर वोट को भी अपनी ओर खींचना चाहती है।

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