ममता के गढ़ पश्चिम बंगाल की इन 9 सीटों पर लगी मतदाताओं की कतार… बमबारी के बीच मतदान जारी….जानें कैसा वोटिंग का माहौल

Lok Sabha Elections TMC Mamata Banerjee West Bengal Diamond Harbor Lok Sabha Seat

लोकसभा चुनाव में टीएमसी के गढ़ पश्चिम बंगाल की अहम सीट डायमंड हार्बर सीट की चर्चा ना हो या इसकी चर्चा के बिना यह चुनाव अधूरा है। यहां आज 1 जून को मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की कतार सुबह सात बजे से ही लगना शुरु हो गई थी। मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये।

डायमंड हार्बर सीट पर लगी मतदाताओं की कतार…

बता दें कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से टीएमसी के अभिषेक बनर्जी चुनाव मैदान में बनर्जी टीएमसी में नंबर दो और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे हैं।वहीं बोनबहादुर गांव में जब लोगों का यही कहना था ऑनलाइन वोट का अधिकार दिया जाना चाहिए। कोई कहीं से भी वोट डालने की योग्यता रखे। इसकी वजह पूछी तो पता चला यहां यह कहना थोड़ा मुश्किल है की ग्रामीण वोट डाल पाएंगे भी या नहीं। यहां पर छाप वोट यानी बूथ कैपचरिंग कब हो जाए पता नहीं अगर अगर बूथ पर जाएंगे तो वहां उंगली पर स्याही तो लगा देंगे लेकिन यह कहकर भगा दिया जाता है कि तुम्हारा वोट हो गया। जो लोग थोड़ा बहुत विरोध करने की कोशिश में खड़े होते हैं। उन्हें बंदूक की नोंक दिखा दी जाती है।

मतदान से लेकर मतगणना तक मतदाता मौन

गांव में यह स्थिति है कि यहां चुनाव और मतदान को लेकर सवाल करने पर लोग अपना मुंह बंद कर लेते हैं या वहां से चले जाते हैं। जब लोगों से यह कहा गया कि आप बूथ पर जाओ और वहां अपने मन से अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट करो तो वह कहते हैं बूथ के अंदर जाने को तो मिलेगा लेकिन यह भी सुनने का मिलेगा कि तुम अंदर क्यों आए। उंगली पर स्याही लगते ही वह मशीन चलाने वाला रहता है। वहीं बटन दबा देता है। पूछा कि वह कब हुआ तो पंचायत चुनाव की बात की जाती है। यह सब पंचायत चुनाव में हो चुका है इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में भी यही सब कुछ हुआ था। लोकसभा चुनाव में भी यही तैयारी है।

डायमंड हार्बर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी और मोदी लड़ रहे हैं। यह सुनकर कुचबिहार से इलेक्शन सामग्री आ रही थी। रास्ते में ही रोक लिया गया और यह कह दिया गया कि बस आने खराब हो गई है थोड़ा रुकना पड़ेगा बाद में पता चला कि सबका वोट हो गया है। बंगाल हिंसा में बंगाल चुनाव में हिंसा की बात करें तो यहां 2018 में हुए पंचायत चुनाव में 2076 सीट ऐसी थीं। जिनमें निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। टीएमसी ने 34 फीसदी सीट निर्विरोध ही जीत ली थी। मतदान के दिन हुई हिंसा में करीब 10 लोगों की मौत भी हुई थी।

वहीं 2021 में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उनके 14 कार्यकर्ताओं की चुनाव के दौरान हत्या कर दी गई। टीएमसी बीजेपी पर उसके तीन कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारने का आरोप लगाया था। इससे पहले 2019 में राजनीतिक हत्याओं का दौर चला। इस दौरान करीब 12 घटनाएं हुईं। फरवरी 2021 में केंद्रीय गृहमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी से जुड़े 130 लोग टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में मारे जा चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग और चुनाव के दौरान हिंसा नजर आई थी।

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