तीसरे चरण के लिए मंगलवार 7 मई को लोकसभा की 94 सीटों पर मतदान होगा। यह सीट 10 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों की हैं। तीसरे चरण में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर प्रहलाद जोशी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान तक ताल ठोक रहे हैं। 4 जून को मतगणना वाले दिन पता चलेगा कौन किस पर भारी रहा।
- तीसरे चरण के लिए मंगलवार 7 मई मतदान
- लोकसभा की 94 सीटों पर मतदान होगा
- 10 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 94 सीट
- मैदान में अमित शाह से लेकर प्रहलाद जोशी तक कई चर्चित चेहरे
- गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा से एमपी पूर्व सीएम शिवराज
कम मतदान को लेकर बीजेपी सबसे अधिक चिंतित
मतदान के पहले दो चरण 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को वोटिंग प्रतिशत के कम होने से सियासी दलों की चिंता तीसरे चरण के लिए बढ़ गई है। पहले चरण में 19 अप्रैल को 66.14 और 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 66.71% मतदान हुआ था। अब तीसरे चरण में जिन 10 राज्यों में मतदान होना है उनमें असम, की चार सीट बिहार 5 सीट, छत्तीसगढ़ 7 सीट, गोवा 2, गुजरात 26, कर्नाटक 14, मध्य प्रदेश 9, महाराष्ट्र 11, उत्तर प्रदेश 10, पश्चिम बंगाल 4, जम्मू कश्मीर एक, दादर और नगर हवेली के साथ दमन दीव की दो-दो सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान किया जाएगा।
तीसरे चरण में 94 सीट,1352 उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की 94 सीटों पर 1352 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिनमें से करीब 29% करोड़पति है। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले औसतन हर उम्मीदवार के पास करीब 5.66 करोड़ की संपत्ति है। बीजेपी के दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से सबसे अमीर उम्मीदवार पल्लवी श्रीनिवास डेप्पो के पास 1,361 करोड़ की संपत्ति है। वही मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 424 करोड़ की संपत्ति की जानकारी अपने शपथ पत्र में दी है।
हाई प्रोफाइल सीट गांधीनगर से मैदान में शाह
तीसरे चरण की हाई प्रोफाइल सीट की बात करें तो गुजरात के गांधीनगर से अमित शाह चुनाव मैदान में है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सीजे चावड़ा को 5 लाख 57000 से अधिक वोट से चुनाव में परास्त कर चुके हैं। इस बार अमित शाह का मुकाबला कांग्रेस के सोनल पटेल से है। बता दे गांधीनगर लोकसभा सीट से पहले लालकृष्ण आडवाणी जैसे भाजपा के दिग्गज नेता चुनाव लड़ चुके हैं।
मैनपुरी में डिंपल के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट पर इस बार तीन बार की संसद और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में हैं। मैनपुरी सीट यादव परिवार का गढ़ मानी जाती है। डिंपल यादव ने अपने ससुर मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद 2022 के उपचुनाव में मैनपुरी से जीत हासिल की थी। इस बार डिंपल यादव का मुकाबला यूपी की योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह और बहुजन समाज पार्टी के शिव प्रसाद यादव से है।
बारामती में ननद-भाभी में मुकाबला
महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर भाभी और ननद के बीच मुकाबला है। बारामती सीट महाराष्ट्र में लोकसभा की सबसे चर्चित सीटों में शामिल है। इस बार यहां डिप्टी सीएम अजीत पवार की पत्नी सुमित्रा पवार चुनाव मैदान में उतरी हैं। उनका मुकाबला शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले ने 52.63% वोट शेयर हासिल करते हुए लोकसभा सीट जीत थी। 2019 में सुप्रिया के मुकाबले भाजपा की कंचन राहुल को केवल 40.69 प्रतिशत मत मिले थे मिले थे।। एनसीपीसी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले 2006 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में धमाकेदार एंट्री की थी। 2009 के बाद से लगातार बारामती लोकसभा सीट से चुनाव जीतती रहीं हैं। चुनावी शपथ पत्र में सुप्रिया ने अपनी संपत्ति 166.5 करोड़ से ज्यादा बताइ है। जबकि 2019 में सुप्रिया के पास 127.8 करोड़ की संपत्ति थी।
सिंधिया के सामने हार को जीत में बदलने की चुनौती
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट भी चर्चा में रहती है। इस बार यहां बीजेपी की ओर से केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह से है। बता दे 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव में बीजेपी के केपी सिंह ने सिंधिया को बड़े अंतर से चुनाव में परास्त किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय कांग्रेस में थे और इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे।
विदिशा फतेह कर दिल्ली जाने की तैयारी में शिवराज
मध्य प्रदेश की ही विदिशा लोकसभा सीट भी इस समय चर्चा में है। विदिशा से पांच बार सांसद रहे और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान मैदान में है। शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2023 तक चार बार मप्र के मुख्यमंत्री के रूप में सरकार चलाई। लोकसभा चुनाव में उनका मुकाबला इस बार कांग्रेस के भानुप्रताप शर्मा से है।
कर्नाटक की शिवमोग्गा से मैदान में पूर्व सीएम येदियुरप्पा के बेटे
कर्नाटक की शिवमोग्गा लोकसभा सीट भी चर्चा में है। यहां से बीवाय राघवेंद्र चुनाव मैदान में उतरे हैं। 2019 में राघवेंद्र ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव में जीत हासिल की थी। इस बार फिर वह बीजेपी की ओर से वे चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस की गीता शिवकुमार से है। बता दे राघवेंद्र कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं। उन्होंने तीन बार शिवमोग्गा लोकसभा सीट पर चुनाव जीता। 2018 के उपचुनाव में राघवेंद्र ने गीता के भाई मधु बंगारप्पा को चुनाव में हराया था। जो कांग्रेस के उम्मीदवार थे और अब कर्नाटक की सिद्धारमैया नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री है।
धारवाड़ में बीजेपी कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर
इसी तरह धारवाड़ लोकसभा सीट से बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है। दोनों जनसंख्यिकी रूप से मजबूत वीरशिव लिंगायत समुदाय को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे हैं। यहां से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी 2004 से लगातार चार बार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के ओबीसी नेता विनोद आसुति से है। कांग्रेस ने 1998 के बाद पहली बार धरवाड़ लोकसभा सीट से गैर लिंगायत उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है।
गुलबर्गा से दांव पर खरगे के दामाद की साख
कर्नाटक की गुलबर्गा लोकसभा सीट भी चर्चा में है क्योंकि गुलबर्गा से कांग्रेस प्रमुख मल्लिकाअर्जुन खारगे के दामाद राधाकृष्ण दोड्डामणि चुनाव मैदान में उतरे हैं। राधा कृष्ण वैसे तो बिजनेसमैन है और उनके द्वारा कई शैक्षणिक संस्थानों का संचालन भी किया जा रहा है। बीजेपी ने राधाकृष्ण के खिलाफ गुलबर्गा से मेडिकल सर्जन उमेश जाधव को चुनाव मैदान में उतारा है। उमेश जाधव ने 2019 के चुनाव में खरगे को हराया था।
उत्तरी गोवा सीट से मैदान में केन्द्रीय मंत्री
गोवा उत्तरी लोकसभा सीट पर श्रीपद नाइक बीजेपी के उम्मीदवार है। श्रीपद नाइक पांच बार के सांसद हैं जो छठी बार अपना चुनाव लड़ रहे हैं। केंद्रीय पर्यटन और बंदरगाह राज्य मंत्री श्रीपद नाइक का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत खलाप से है। नाइक ने 2019 के चुनाव में खलाप को करीब 36000 वोट से चुनाव में परास्त किया था।