लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही यूपी की हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस बना हुआ था, लेकिन अब कांग्रेस ने यह सस्पेंस खत्म कर दिया है। जी हां कांग्रेस ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा के नाम का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि वायनाड के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 20 मई को रायबरेली और अमेठी में वोटिंग होगी।
दादा फिरोज गांधी-दादी इंदिरा गांधी की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी…!
- वायनाड पर हो चुका है मतदान
- 20 मई को होगी रायबरेली और अमेठी में वोटिंग
- अब रायबरेली में होगी राहुल गांधी की परीक्षा
- बीजेपी के दिनेश सिंह से रायबरेली में राहुल की टक्कर
- स्मृति ईरानी के सामने उतरेंगे केएल शर्मा
- मोदी लहर में भी रायबरेली सीट पर जीती थी कांग्रेस
- सोनिया ने पहले लिखा था रायबरेली की जनता को भावुक पत्र
रायबरेली से यदि कांग्रेस किसी ओर से टिकट देती तो लड़ाई चुनाव से पहले ही खत्म हो जाती। ऐसे में यूपी कांग्रेस कमेटी ने पार्टी हाईकमान से गांधी परिवार के ही सदस्य को यहां से चुनाव मैदान में उतारने की बात कही थी। जिस पर लंबे मंथन के बाद कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल को मैदान में उतारा है। वहीं गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा अमेठी से चुनावी मैदान में उतर कर गांधी परिवार पारंपरिक सीट पर से चुनाव लडेंगे। अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के करीबी के एल शर्मा से होगा। तो वही रायबरेली में चुनावी लड़ाई दिनेश प्रताप सिंह वर्सेस राहुल गांधी होगी। दरअसल कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम दिन रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से प्रत्याशियों का ऐलान किया है। अमेठी से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुकी हैं। बीजेपी ने रायबरेली दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है। यह वही दिनेश प्रताप सिंह है जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था। जहां वे करीब 1 लाख 60 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे।
स्मृति ने राहुल को हराकर किया था बड़ा उलटफेर
वैसे तो यूपी की रायबरेली और अमेठी दोनों लोकसभा सीट गांधी नेहरु परिवार की पारंपरिक सीट हैं, लेकिन पिछले 2019 में अमेठी से राहुल गांधी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। यहां बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था।
प्रियंका का ट्विट-किशोरी लाल से हमारे परिवार का वर्षों का नाता
शुक्रवार 3 मई को प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक ट्वीट किया है। जिसमें अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए किशोरी लाल शर्मा का जिक्र उन्होंने किया है। प्रियंका ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि किशोरी लाल जी से हमारे परिवार का वर्षों का नाता है। अमेठी, रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन और प्राण से जुटे रहे। किशोरी लाल जी का जनसेवा का जज्बा अपने आप में एक मिसाल है। यह खुशी की बात है कि किशोरी लाल जी को कांग्रेस ने यूपी की अमेठी से प्रत्याशी बनाया है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा कि किशोरी लाल जी की निष्ठा और कर्तव्य के प्रति समर्पण अवश्य ही उन्हें इस चुनाव ने सफलता दिलाएगा।
गांधी-नेहरु परिवार की पारंपरिक सीट है अमेठी-रायबरेली
अमेठी और रायबरेली यह दोनों ही लोकसभा सीट गांधी नेहरू परिवार की पारंपरिक क्षेत्र मानी जाती हैं। क्योंकि इस परिवार के सदस्यों ने यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। दशकों तक गांधी नेहरू परिवार के सदस्यों ने इन सीटों का प्रतिनिधित्व किया है। रायबरेली सीट के जातीय और सामाजिक समीकरण पर गौर करें तो रायबरेली में करीब 11 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता, करीब 9 प्रतिशत राजपूत और करीब 7 प्रतिशत यादव समाज के मतदाता हैं। इस सीट पर दलित वर्ग के मतदाताओं की संख्या भी सबसे अधिक है। रायबरेली लोकसभा सीट में 34 फीसदी दलित मतदाता भी रहते हैं। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 6 फीसदी है। 6 फीसदी लोध, 4 फीसदी कुर्मी हैं। दूसरी जाति-वर्ग के मतदाताओं की तादाद भी लगभग 23 प्रतिशत हैं। वैसे इस हिंदी बेल्ट में उम्मीदवारों की जाति को देखकर या राजनीतिक दल देखकर मतदान करने का ट्रेंड भी रहा है। हालांकि रायबरेली लोकसभा सीट पर गांधी परिवार से किसी सदस्य के चुनाव मैदान में उतरने पर जाति का फैक्टर जीरो नजर हो जाता है।
1957 में अस्तित्व में रायबरेली सीट
रायबरेली लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास उठाकर देखें तो यह क्षेत्र 1957 के आमचुनाव में अस्तित्व में आया था। साल 1951-52 में हुए पहले आमचुनाव में रायबरेली और प्रतापगढ़ इन दोनों जिलों को मिलाकर लोकसभा सीट बनाई गई थी। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ही यहां से सांसद चुने गये थे। वहीं रायबरेली लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद दूसरे आम चुनाव में फिरोज गांधी ने इस सीट का रुख किया था वे चुनाव जीते और संसद पहुंचे। रायबरेली सीट से चुनाव और उपचुनाव मिलाकर अब तक कुल 16 बार कांग्रेस को जीत मिली है। जबकि तीन बार गैर कांग्रेसी प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे। माना जाता है कि रायबरेली का नेहरू-गांधी परिवार से पुराना नाता है। रायबरेली से कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी भी संसद में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।