लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान 20 मई को होना है। जिसमें 49 सीटों पर मतदान होगा। पांचवे चरण में 695 उम्मीदवारों की किस्मत इवीएम में कैद होगी। इसमें बिहार की भी 5 सीट शामिल है। 5वें चरण में बिहार की जिन 5 लोकसभा सीटों पर मतदान होने जा रहा है। इनमें चार सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही ही ओर से नए उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं यानी ये उम्मीदवार एक-दूसरे के लिए नए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 का पांचवा चरण
- 20 मई को होगा 49 सीटों पर मतदान
- किस सीट पर किसके बीच है मुकाबला
- पांचवे चरण में बिहार में 5 सीटों पर भी मतदान
- सीतामढ़ी, हाजीपुर, मधुबनी, सारण और मुजफ्फरपुर में चुनाव
- सारण में रुडी के सामने लालू की रोहिणी
- हाजीपुर से चिराग पासवान पहली बार लड़ रहे चुनाव
पांचवे फेज में बिहार की पांच लोकसभा सीट सीतामढ़ी, हाजीपुर, मधुबनी, सारण और मुजफ्फरपुर में चुनाव होना हैं। इन पांचों सीटों पर प्रमुख मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच ही है। जिसमें बिहार की सारण सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी के सामने आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य मैदान हैं। वहीं हाजीपुर सीट से चिराग पासवान पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
पुराने दिग्गजों को टक्कर दे रहे नए उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के 5वें फेज में बिहार की जिन पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होना है उनके चार सीट ऐसी हैं जहां पर एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों गठबंधनों के प्रत्याशी एक-दूसरे के लिए नए हैं। यानी नए प्रत्याशी इस चुनाव में पुराने दिग्गज नेताओं को टक्कर देते नजर आ रहे हैं। मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट ही सिर्फ एक ऐसी सीट है जहां पर एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशी लगातार दूसरी बार एक दूसरे के आमने-सामने हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि नए प्रत्याशियों के सामने पुराने नेता चुनावी मैदान में कैसे खुद की साख बचाए रखते हैं।
सारण – लालू की बेटी और रूडी में जंग
बिहार की सारण लोकसभा सीट सबसे प्रमुख सीट है। यहां से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने राजीव प्रताप रूडी को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। रूडी का मुकाबला करने के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य यहां ताल ठोंकती नजर आ रहीं हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सारण सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भी कर रही हैं। इस तरह यहां बीजेपी और आरजेडी दोनों की दलों के उम्मीदवार के बीच पहली बार चुनावी भिड़ंत है। आरजेडी की ओर से अपनी प्रत्याशी रोहिणी को चुनाव में जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। स्वयं लालू प्रसाद यादव सारण क्षेत्र में कई बार अपनी बेटी के लिए प्रचार कर चुके हैं। वहीं बीजेपी और उसके प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी सारण से हैट्रिक लगाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में रूडी ने आरजेडी प्रत्याशी चंद्रिका राय और इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी लालू यादव की पत्नी बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हराया था। हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रूडी को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के हाथ हार का सामना करना पड़ा था।
क्या हाजीपुर में रोशन होगा ‘चिराग’
बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से कभी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान चुनाव लड़ा करते थे। अब उनके बेटे चिराग पासवान इस बार चुनावी मैदान में हैं। चिराग पासवान अपने पिता की सीट हाजीपुर से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर चिराग का मुकाबला आरजेडी के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम खड़े से हो रहा है। यहां भी दोनों के बीच यह पहली बार चुनावी टक्कर हो रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने चुनाव में जीत हासिल की थी। जबकि इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान ने यहां से जीत हासिल की भी। बता दें रामविलास पासवान को 2009 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी रामसंदुर दास ने हराया था। इस बार बिहार में जेडीयू एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में एनडीए को उम्मीद है कि हाजीपुर सीट पर चिराग रोशन हो सकता है।
मधुबनी में पुराने और नए योद्धा में जंग
मधुबनी लोकसभा सीट पर पुराने योद्धा को टक्कर देने के लिए इस बार नए योद्धा चुनाव के मैदान में कूद गये हैं। इस सीट पर एक बार फिर बीजेपी की ओर से जहां अशोक कुमार यादव चुनावी मैदान में उतारे हैं तो इंडिया गठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD की ओर से उसके दिग्गज नेता अली अशरफ फातमी टक्कर दे रहे हैं। आरजेडी को उन पर भरोसा है। मधुबनी सीट पर इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच यह पहली चुनावी जंग है। बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में अशोक यादव ने वीआईपी के प्रत्याशी को परास्त किया था। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव चुनाव जीते थे। बता दें अशोक यादव के पिता हुकुमदेव हैं।
मुजफ्फरपुर- चेहरे वही दल नये
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से इस बार भी उन्हीं दो प्रत्याशियों के बीच चुनावी मुकाबला है जिनके बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में टक्कर हुई थी। हालांकि इस बार अंतर यह है कि इन दोनों उम्मीदवारों ने इस बार बदल पार्टी ली है। बीजेपी के राजभूषण निषाद और कांग्रेस प्रत्याशी अजय निषाद के बीच यहां मुकाबला हो रहा है। जबकि 2019 के चुनाव में अजय निषाद जहां बीजेपी के टिकट पर लड़े थे तो वहीं राजभूषण निषाद वीआईपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे, जो अजय निषाद से हार गये थे। इससे पहले 2014 के चुनाव में भी बीजेपी के टिकट पर अजय निषाद ही जीते थे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर सीट से जयनारायण निषाद ने जेडीयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी। बता दें जयनारायण कांग्रेस अजय निषाद के पिता हैं।
सीतामढ़ी में राममंदिर के सहारे JDU के ठाकुर
सीतामढ़ी लोकसभा सीट से इस बार जदयू के टिकट पर विधान परिषद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर मैदान में हैं। जेडीयू ने सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर ठाकुर पर भरोसा जताया है। वहीं आरजेडी की ओर से इस बार भी 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले अर्जुन राय को टिकट दिया है। जहां देवेशचंद्र ठाकुर की साफ-सुथरी छवि है ओर वे विधान परिषद में सभापति भी हैं तो वहीं लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से अर्जुन राय सांसद रह चुके हैं। ऐसे में सीतामढ़ी में दोनों प्रत्याशियों की इलाके में छवि और पकड़ के साथ ही यहां अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का भी मुद्दा सबसे बड़ा है। जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर पहली बार लोकसभा के चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन दोनों प्रत्याशियों के बीच यह पहली चुनावी जंग है।