लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के चुनाव 25 मई को होने जा रहे हैं। इस फेज में 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 58 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी। लोकसभा की इन 58 सीटों पर करीब 889 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट पर चुनाव होने हैं। इतना ही नहीं दिल्ली से लगे हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों पर भी इसी चरण में राजनीतिक दलों की परीक्षा होनी है।
- 25 मई को होगी छठवें चरण में वोटिंग
- 8 राज्यों की 58 सीटों पर होगी वोटिंग
- दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक की सीटें शामिल
- यूपी की सबसे अधिक 14 सीट पर वोटिंग
- 2019 में बीजेपी ने जीती थी 58 में से 40 सीट
छठवे चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होगी उनमें से कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है जबकि बीजेपी का इन सीटों पर एकछत्र राज कायम रहा था। कांग्रेस को यहा अपना खाता खोलने की और सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी के इस दुर्ग को भेदना होगा। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता की हैट्रिक लगाना है तो इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखना होगा। इसके अलावा क्षेत्रीय पार्टियों की भी इस चरण में अग्निपरीक्षा है। ऐसे में देखना यह है 25 मई को छठे चरण में किसका पलड़ा भारी रहता है।
छठे चरण में इन राज्यों में वोटिंग
लोकसभा चुनाव में छठे चरण में 8 राज्यों की 58 सीटों पर चुनाव है। उसमें दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक की लोकसभा सीटें शामिल है। सबसे अधिक यूपी की 14 तो हरियाणा की 10, बिहार की 8, पश्चिम बंगाल की 8, दिल्ली की 7, ओडिशा 6, झारखंड की चार और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर चुनाव है। जम्मू कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में वोटिंग होना थी लेकिन अब छठे चरण में 25 मई को वोटिंग है। 6वें चरण में एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या करीब 15 है।
किसका पलड़ा भारी
छठे चरण में जिन सीटों पर वोटिंग है उन पर पिछले 2019 के चुनाव में बीजेपी का दबदबा था। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में लोकसभा की इन 58 सीटों में से बीजेपी 40 सीट जीतने में सफल रही थी। वहीं बसपा को 4 सीट तो टीएमसी 3 और बीजेडी 4 के साथ जेडीयू 3, एलजेपी एक, आजसू एक और नेशनल कॉफ्रेंस ने भी एक सीट पर जीत हासिन करने में सफलता पाई थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी एक सीट जीतने में सफल रही थी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ आरजेडी जैसे दल पिछली बार यहां अपना खाता तक नहीं खोल सके थे। वहीं बीजेपी ने दिल्ली और हरियाणा में क्लीन स्वीप करने में कामयाबी हासिल की थी।
यूपी की इन सीटों पर कांटे की टक्कर
छठे चरण में उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक 14 सीटों पर वोटिंग होगी। जिनमें लालगंज, जौनपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, अंबेडकरनगर, श्ववस्ती, डुमरियांगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, बस्ती, संत कबीरनगर, मछली शहर और भदोही लोकसभा सीट शामिल हैं। 2019 की बात करें तो उस समय बीजेपी 9 तो बसपा चार और सपा 1 सीट जीतने में काबयाब रही थी। पिछले 2019 के चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि इस बार यह दोनों दल अलग-अलग मैदान में है। बीजेपी यूपी में राजभर-अनुप्रिया-संजय निषाद की क्षेत्रिय पार्टियों को साथ में लेकर चुनाव लड़ी रही है। हालांकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरीं हैं। सपा ने 2019 में सिर्फ आजमगढ़ सीट जीती। जिसे भी उपचुनाव में सपा ने गंवा दिया था। इस बार सपा एक नए समीकरण के साथ यहां चुनावी मैदान में उतरी है। उसने दलित और ओबीसी पर ही दांव खेला है। ऐसे में सबसे बसपा के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि पिछले 2019 के चुनाव में जीती हुई 4 सीटों को उसे बचाए रखना होगा। इस बार गठबंधन के दौर में बसपा सुप्रीमो मायावती अकेले ही चुनाव के मैदान में उतरी हैं। जिसके चलते बसपा के लिए इस बार चुनावी राह आसान नहीं है। बीजेपी सभी लोकसभा सीट पर पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। मोदी और योगी के नाम पर बीजेपी ने पूर्वांचल का दुर्ग फतह करने का प्लान बनाया है।