Saturday, June 7, 2025
  • Contact
India News
  • मुख्य समाचार
  • राजनीति
  • संपादक की पसंद
  • शहर और राज्य
    • उत्तर प्रदेश
      • आगरा
      • कानपुर
      • लखनऊ
      • मेरठ
    • छत्तीसगढ
      • जगदलपुर
      • बिलासपुर
      • भिलाई
      • रायपुर
    • दिल्ली
    • बिहार
      • पटना
    • मध्य प्रदेश
      • इंदौर
      • ग्वालियर
      • जबलपुर
      • भोपाल
    • महाराष्ट्र
      • नागपुर
      • नासिको
      • पुणे
      • मुंबई
    • राजस्थान
      • अजमेर
      • कोटा
      • जयपुर
      • जैसलमेर
      • जोधपुर
  • स्टार्टअप
  • कृषि
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • धर्म
  • ऑटो
  • सरकारी नौकरी
  • वीडियो
No Result
View All Result
LIVE India News
ADVERTISEMENT
Home शहर और राज्य दिल्ली

लोकसभा चुनाव 2024:महिला आरक्षण के बाद अब इस मद्दे पर कांग्रेस खेलना चाहती है दांव, क्या होगी जातिगत जनगणना ?

DigitalDesk by DigitalDesk
September 25, 2023
in दिल्ली, मुख्य समाचार, राजनीति, शहर और राज्य, स्पेशल
0
Women Reservation Bill OBC Reservation
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsapp

संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया है। इस बिल के पारित होने के साथ ही एक बार फिर जातिगत जनगणना की मांग ने जोर पकड़ा लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा था कि वे महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में हैं लेकिन यह ओबीसी आरक्षण के बगैर अधूरा रहेगा। राहुल गांधी ने कहा था कि कि भारत में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं? इस सवाल का जवाब सिर्फ जाति जनगणना से ही मिल सकता है। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं नहीं तो वो कर डालेंगे।

  • जातिगत जनगणना के मुद्दे पर खुद को सामने नहीं ला रही बीजेपी
  • बीजेपी को डर है, विपक्ष को मिल जाएगा मुद्दा
  • विपक्षी पार्टियों को मिल जाएगा मुद्दा
  • नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी कोटे में बदलाव का मुद्दा
  • इस बहाने विपक्ष बना सकता है सरकार पर दबाव
  • धीरे धीरे बढ़ रहे हैं बीजेपी के ओबीसी समर्थक
  • बीजेपी को मिलने लगा है ओबीसी वोटरों का समर्थन
  • 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 22 प्रतिशत ओबीसी वोट
  • 10 साल यानी 2019 में दोगुने हो गए थे बीजेपी के ओबीसी वोट
  • इसलिए विपक्ष बार बार उठा रहा है ये मुद्दा
  • 1931 में आखरी बार हुई थी जातिगत जनगणना
  • 1872 में हुई थी भारत में जनगणना कराने की शुरुआत
  • ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी साल 1872 में जनगणना
  • 1872 से साल 1931 तक अंग्रेजों ने जुटाए जातिगत आंकड़े
  • आजादी के बाद 1951 में पहली बार हुई जनगणना
  • भारत सरकार ने नीतिगत फैसले के तहत किया जातिगत जनगणना से परहेज़
  • साल 1980 में भारत में हुआ था कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का उदय
  • क्षेत्रीय दलों की राजनीति जाति पर आधारित थी

राहुल गांधी के इस बयान से पहले गठबंधन इंडिया के विपक्षी दलों ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी। बता दें भारत में जातिगत जनगणना की मांग कोई नई नहीं है। दशकों पूर्व से अलग-अलग पार्टियां इस मांग को हवा देती रहीं हैं। जातिगत जनगणना का उद्देश्य भारत में अलग-अलग जातियों की संख्या के आधार पर उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण दिलवाने के साथ जरूरतमंद तबकों और समुदायों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
आखिर क्या है ये जातिगत जनगणना। विपक्ष इससे क्या राजनीतिक लाभ हासिल करना चाहता है। आखिर केन्द्र सरकार इस मुद्दे से क्यों बचती आ रही है। इस तरह के सवाल अब आमजन के जहन में उठने लगे हैं।

Related posts

सोना-चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल! ग्लोबल बाजार और डॉलर की कमजोरी ने बदले भाव, निवेशक रहें सतर्क

सोना-चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल! ग्लोबल बाजार और डॉलर की कमजोरी ने बदले भाव, निवेशक रहें सतर्क

June 6, 2025
मायावती का सीधा वार! चंद्रशेखर कर रहे हैं बहुजनों को गुमराह

मायावती का सीधा वार! चंद्रशेखर कर रहे हैं बहुजनों को गुमराह

June 6, 2025

1931 में हुई थी आखिरी बार जातिगत जनगणना

1931 में आखिरी बार जाति के आधार पर देश में जनगणना हुई थी। उस वक्त भारत की 52 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग में थी।साल 2010 और 2011 में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देशभर में आर्थिक-सामाजिक और जातिगत गणना करवाई थी। एसईसीसी का डेटा 2013 तक जुटाया गया। हालांकि इस डेटा की फाइनल रिपोर्ट तैयार होती इससे पहले ही साल 2014 में केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार बदल गई। इसके बाद उस डाटा को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया। ठीक इसी तरह कर्नाटक राज्य में भी साल 2015 में जाति के आधार पर जनगणना करवाई गई थी लेकिन इस जनगणना के आंकड़े भी आज तक सार्वजनिक नहीं हो सके।

जातिगत जनगणना के मुद्दे से बीजेपी बचती है

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी की जा रही है। ऐसे में एक ओर विपक्ष बार बार जातिगत आधार पर जन गणना के मुद्दे को उठाकर बीजेपी पर दबाव बनाने के साथ दलित, पिछड़े वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी इस मुद्दे से बचने की कोशिश में लगी है। दरअसल बीजेपी को डर है कि चुनाव से पहले इस तरह की किसी जनगणना से अगड़ी जातियों के उसके वोटर उनसे नाराज़ हो सकते हैं। इसके अलावा इस जनगणना से बीजेपी के हिंदुत्व की राजनीति को खतरा पहुंच सकता है। अभी तक जिन चुनावों में जाति के आधार पर ध्रुवीकरण हुआ वहां बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हुई। बीजेपी की मुख्य परेशानी ये है कि चुनाव में बहुमत पाने के लिए उसे पिछड़े ही नहीं अल्पसंख्यक और वंचित समाज के भी वोट चाहिए। इसके साथ ही फॉरवर्ड क्लास यानी अगड़ी जातियों का समर्थन भी चाहिए होगा। ऐसे में पार्टी अगड़ी जाती के मतदाताओं को खफा करने से बचना चाहती है।

मंडल कमीशन का हुआ था हिंसक विरोध

भारत सरकार ने 1979 में सामाजिक ही नहीं शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ देने के मामले पर मंडल कमीशन का गठन किया था। मंडल कमीशन ने ओबीसी श्रेणी में आ रहे लोगों को आरक्षण देने की सिफारिश उस समय की थी। लेकिन 1990 में इस सिफारिश का लागू किया जा सका। इस आरक्षण के बाद देशभर में सामान्य श्रेणी के छात्रों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इसके घबराकर सियासी दलों ने कदम पीछे खिंच लिए। अब जातिगत जनगणना आरक्षण से जुड़ चुका था। लिहाजा हर चुनावों में राजनीतिक दल इसकी मांग उठाते रहे। 2010 में सांसदों की मांग के बाद केन्द्र सरकार देश में जातिगत जनगणना कराने के लिए राज़ी हुई थी। उस यमय केंद्र सरकार ने 2022 के जुलाई माह में संसद में बताया था कि 2011 में की गई सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना में हासिल किए गए जातिगत आंकड़ों को जारी करने की उसकी कोई योजना नहीं है। सरकार के मुताबिक इस जनगणना में कई तरह की विसंगतियां मिली थीं।

मंडल कमीशन के बाद से मजबूत हुए क्षेत्रीय दल

मंडल कमीशन के बाद से देश की राजनीति ने नया मोड़ लिया। क्षेत्रीय दलों का अवसर मिला उनका उभार काफी मजबूती के साथ हुआ था। खासकर यूपी और बिहार में। बिहार में जेडीयू और आरजेडी वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी ने ओबीसी के मसले को पुरजोर तकरीके से उठाया। इससे क्षेत्रीय पार्टियों को ओबीसी मतदाताओं का समर्थन मिलने लगा था। हालांकि वर्मतान में इन क्षेत्रीय पार्टियों को राज्य के अधिकांश ओबीसी मतदाता समर्थन देते हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद हालात बहुत बदले। बीजेपी ने भी पिछड़ी जातियों का मजबूक चक्रव्यू तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी अपने आप को ओबीसी वर्ग का बताने से नहीं चूकते हैं। यही वजह है कि उनकी पार्टी यूपी सहित कई राज्यों में ओबीसी वर्ग का वोट पाने में निरंतर सफल रही है। उत्तरप्रदेश में तो बीजेपी के पाले में गैर यादव ओबीसी ही नहीं गैर जाटव अनुसूचित जातियां भी आ गईं।

Post Views: 87
Tags: ban on caste censusLok Sabha Elections 2024obc reservationwomen reservation bill
LIVE India News

लाइव इंडिया न्यूज 2016 से आप तक खबरें पंहुचा रहा है। लाइव इंडिया वेबसाइट का मकसद ब्रेकिंग, नेशनल, इंटरनेशनल, राजनीति, बिजनेस और अर्थतंत्र से जुड़े हर अपडेट्स सही समय पर देना है। देश के हिंदी भाषी राज्यों से रोजमर्रा की खबरों से लेकर राजनीति नेशनल व इंटरनेशनल मुद्दों से जुडी खबरें और उनके पीछे छुपे सवालों को बेधड़क सामने लाना, देश-विदेश के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण बेबाकी से करना हमारा मकसद है।

Vihan Limelite Event & Entertainment Pvt Ltd
Regd Office Flat No 1
Mig 3 E 6
Arera Colony Bhopal

Branch Office
Main Road. Tikraparaa
Raipur CG

Director Deepti Chaurasia
Mobile No 7725016291

Email id - liveindianewsandviews@gmail.com

Currently Playing

मायावती का सीधा वार! चंद्रशेखर कर रहे हैं बहुजनों को गुमराह

slide 1 to 3 of 3
मायावती का सीधा वार! चंद्रशेखर कर रहे हैं बहुजनों को गुमराह

मायावती का सीधा वार! चंद्रशेखर कर रहे हैं बहुजनों को गुमराह

उत्तर प्रदेश
Bihar politics and assembly elections 2025

बिहार की राजनीति और विधानसभा चुनाव 2025…फुहारों के बीच गरमाती सियासत…जानें सियासी दलों की चुनावी तैयारी में कौन किस पर भारी

बिजनेस
ऑपरेशन सिन्दूर पर मचा सियासी घमासान BJP बोली – सेना का अपमान!

ऑपरेशन सिन्दूर पर मचा सियासी घमासान BJP बोली – सेना का अपमान!

मुख्य समाचार

RSS Home 1

  • [Action required] Your RSS.app Trial has Expired. June 6, 2025
    Your trial has expired. Please update your subscription plan at rss.app. - (B3jAsBd4opujvyfO)
  • Contact

© Copyright 2022,LIVE INDIA NEWS. All Rights Reserved | Email: Info@liveindia.news

No Result
View All Result
  • Home
  • मुख्य समाचार
  • शहर और राज्य
  • राजनीति
  • बिजनेस
  • संपादक की पसंद
  • मनोरंजन
  • स्टार्टअप
  • धर्म
  • कृषि

© Copyright 2022,LIVE INDIA NEWS. All Rights Reserved | Email: Info@liveindia.news

Go to mobile version