लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट पर भी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। चुनावी पर धीरे-धीरे हाई होता जा रहा है। यहां बदायूं में तीसरे चरण में 7 में को मतदान होना है। लेकिन बदायूं की चर्चा इसलिए हो रही है कि यहां ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुक्ति मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेली ने मुस्लिम मतदाताओं से समाजवादी पार्टी से दूरी बनाने की अपील की है। रिजवी ने सपा पर हमला बोला और कहा अखिलेश यादव ने मुसलमानों की लीडरशिप को हसीए पर डाल दिया। शहाबुद्दीन रिजवी ने इसके साथ ही बदायूं के मौलानाओं से बसपा प्रत्याशी के पक्ष में मुसलमानों को एकजुट होकर मतदान करने की अपील की।
- मुस्लिम उलेमाओं की सपा को दो टूक
- सपा के लिए अब मुसलमान नहीं बिछायेगा दरी और कुर्सी
- यूपी में 22 लोकसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य
- 22 में से सपा ने एक भी सीट पर नहीं उतारा मुस्लिम प्रत्याशी
- सपा और अखिलेश पर बरसे बरेली और बदायूं के मौलाना
बता दे ऑल इंडिया मुस्लिम जमात में शहर के सराय स्थित बसपा प्रत्याशी के आवास पर बैठक की इस दौरान अखिलेश पर तंज करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा आज हालात बद से बत्तर हो गए हैं। वे लोकसभा चुनाव में मस्लिमां के वोट तो चाहते हैं लेकिन भाषणों में मुसलमान शब्द लेने में भी सपा अध्यक्ष को डर और खौफ लग रहा है। यह किस बात का आखिर डर है। सपा मुसलमान का वोट तो लेना चाहती है लेकिन उनका नाम नहीं लेना चाहती। चाहे राज्यसभा विधानपरिषद या लोकसभा का चुनाव हो। सपा ने मुसलमान को नजर अंदाज किया। उन्होंने कहा कि यूपी में 22 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां मुसलमान को टिकट दिया जाना चाहिए था लेकिन सपा ने गैर मुसलमान को टिकट देकर मुसलमानों का हक मारा है। शहाबुद्दीन रिजवी ने बरेली और बदायूं के मौलानाओं से बसपा के पक्ष में मुसलमानों को एकजुट होकर मतदान करने की अपील की और कहा तमाम मौलानाओं ने फैसला किया है की बदायूं लोकसभा सीट से मुस्लिम कवायत को खत्म करने की जो साजिश रचि जा रही है। इसे नाकाम किया जाएगा। हम लोग बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हाजी मोहम्मद मुस्लिम खान को समर्थन दे रहे हैं। खासतौर पर बदायूं लोकसभा क्षेत्र में मुसलमान से अपील करना चाहते हैं कि वे हाजी मोहम्मद मुस्लिम खान को जीताकर संसद में भेजें। संसद में मुसलमान की आवाज हाजी मोहम्मद मुस्लिम खान बनेंगे। मुसलमान के हकों की और अधिकारों की बात संसद में करेंगे। पार्लियामेंट में मुस्लिम खान जैसे कद्दावर नेता होगा तो मुसलमान के खिलाफ कोई फैसला नहीं हो सकता। अगर होता है तो वे ऐसे फैसले को रोकने में सक्षम होंगे।
‘ऑल इंडिया मुस्लिम जमात से जुड़े बरेली उलेमा का फतवा!’
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात से जुड़े बरेली उलेमा ने भी अखिलेश के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक तरह से सपा के खिलाफ फतवा जारी कर दिया और कहा समाजवादी पार्टी मुसलमान के वोटों की तिजारत कर रही है। मुसलमान आम चुनाव में सपा को दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देंगे। अखिलेश यादव मुसलमान के असली हमदर्द नहीं है। उलेमा ने कहा बरेली लोकसभा से सपा प्रत्याशी का बहिष्कार किया जाए और किसी दूसरे दल में मुस्लिम प्रत्याशी न हो तो नोटा का बटन दबाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सपा मजबूत होकर उभरेगी। उलेमा की इस घोषणा से इस मायावती खुश नजर आ रही है। वाला और बदायूं लोकसभा सीट से उलेमा उन्हें बस बहुजन समाज पार्टी का समर्थन किया है।
‘सपा के स्टेज से दाढ़ी टोपी वालों को दिया जा रहा धक्का’
वहीं मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेली ने कहा हजारों की संख्या में मुसलमान से पूछ रहे हैं कि उन्हें किसे वोट देना है। इसलिए उन्हें मीटिंग कर यह फैसला लिया है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभा में मुसलमान शब्द का उपयोग करने से भी डर रहे हैं। स्टेज से दाढ़ी टोपी वाले मुसलमान को धक्का देकर नीचे उतरा जा रहा है। मुसलमान को हासीए पर कर दिया गया है। राज्य की 22 मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर सपा ने एक को भी टिकट न देकर गैर मुसलमानों को चुनाव में उतार दिया है। इतना ही राज्यसभा और विधान परिषद के साथ संसद में मुसलमान की को एक साजिश के तहत धीरे-धीरे खत्म कर दिया जा रहा है। शहाबुद्दीन ने कहा बरेली में हुई सपा की जनसभा में आजम खान की फोटो तक नजर नहीं आई। उत्तर प्रदेश के दूसरे जनपदों में भी कई सपा मुस्लिम विधायक और आजम खान कई साल से जेल में है। इन तमाम चीजों के लिए जिम्मेदार केवल और केवल अखिलेश यादव हैं। उन्होंने मुसलमान के मुद्दों से खुद को अलग कर रखा है।
‘मुसलमानों को सपा ने समझा मजदूर मतदाता’
मुस्लिम होने तो यहां तक कहा कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का आगे बढ़ाने के लिए वोट तो चाहते हैं लेकिन मंच से मुसलमान की दाढ़ी और टोपी से नफरत करते हैं उन्होंने मुसलमान को महज मजदूर समझ कर रखा है। जिनका वोट हासिल करो और मक्खी की तरह उन्हें निकाल दो। उनकी नजर में मुसलमान महज दरी बिछाने और कुर्सी लगाने के लिए ही समाजवादी पार्टी में हैं। इससे अधिक मुसलमान उनकी नजर में हैसियत नहीं रखता। मुस्लिम उलेमा मुस्लिम उलेमा ने कहा कि अब मुसलमान दरी नहीं बिछाएगा। कुर्सी नहीं लगाएगा बल्कि सत्ता हासिल करने की की कोशिश करेगा।