लोकसभा चुनाव का अब कभी भी ऐलान हो सकता है। इसके मद्देनजर I.N.D.I.A गठबंधन में सीट बंटवारे की समस्या दूर होती दिख रही है। यूपी के बाद दिल्ली ही नहीं हरियाणा और चंडीगढ़ ही नहीं गुजरात और गोवा के बाद अब इंडिया गठबंधन ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी सीट शेयरिंग पर समझौते को अमलीजामा पहना दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही सीट शेयरिंग फॉर्मूले का भी ऐलान कर दिया जाएगा। सियासी हल्को में चर्चा है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी को लेकर इंडिया गंठबंधन की प्रमुख पार्टी यानी कांग्रेस और डीएमके चेन्नई में सीट शेयरिंग का एलान कर सकते हैं।
- तमिलनाडु में है लोकसभा की 39 सीट
- कांग्रेस और डीएमके के बीच सीट शेयरिंग
- तमिलनाडु की 9 सीट पर कांग्रेस लड़ेगी चुनाव
- पुडुचेरी की 1 सीट भी कांग्रेस को मिल सकती है
- 9 सीट वाम दलों और दूसरे छोटे दलों को मिलेगी
- 2019 में द्रमुक गठबंधन ने जीती थी तमिलनाडु में 38 सीट
तमिलनाडु कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार के साथ संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल आज शनिवार 9 मार्च शाम चेन्नई में मुख्यमंत्री स्टालिन से मिलेंगे। इसके बाद सीट शेयरिंग का एलान हो सकता है। माना जा रहा है कि कांग्रेस तमिलनाडु की 39 सीट में से 9 पर चुनाव लड़ेगी तो पुडुचेरी की 1 सीट कांग्रेस को मिल सकती है। माना जा रहा है कि डीएमके 9 सीट वाम दलों और दूसरे छोटे दलों को दे सकती है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में बहुदलीय धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन यानी एसपीए का नेतृत्व करता है। ये दोनों वाम दल ने पिछली बार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दो-दो सीट पर समझौता किया था। इसके साथ ही इन सीट पर जीत भी हासिल की थी। बता दें माकपा मदुरै और कोयंबटूर सीट पर प्रतिनिधित्व करती है। जबकि सीपीआई ने 2019 में तिरुप्पुर और नागपट्टिनम सीट पर जीत दर्ज की थी। बता दें द्रमुक नेतृत्व वाले गठबंधन ने तमिलनाडु में 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रभाव दिखाते हुए लोकसभा की 39 में से 38 सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं उसने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में लोकसभा की एक मात्र सीट पर भी कब्जा जमाया था।