कांग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाए जाने के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट छत्तीसगढ़ को लेकर राज्य का दौरा करने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास के ही सीट हैं।
- सचिन पायलट 11 जनवरी को आएंगे छत्तीसगढ़
- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद पायलट का पहला दौरा
- कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की लेंगे बैठक
- पायलट करेंगे लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर मंथन
- मैराथन बैठकों का होगा आयोजन
इस बार इस संख्या को बढ़ाने के लिए सचिन पायलट को खासी मेहनत करना होगी। क्योंकि ये दो सीट भी 2019 में उस समय कांग्रेस की झोली में आई थी, जब वहां कांग्रेस की सरकार थी। अब राज्य में बीजेपी सरकार में हैं। ऐसे में सचिन पायलट को खासी मेहनत करना होगी। ऐसे में वे राज्य के दौरे पर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बनने के बाद सचिन पायलट का 11 जनवरी को पहला दौरा होगा। बताया जा रहा है कि यहां पायलट कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करेंगे और संगठन की पूरी जानकारी लेंगे। बता दें ठीक लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी ने सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का जिम्मा सौंपा है। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली है। ऐसे में प्रदेश के नेताओं के साथ होने वाली बैठक में इन विषयों को लेकर भी चर्चा हो सकती है। छत्तीसगढ़ में बतौर प्रभारी काम करते हुए सचिन पायलट को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस नेताओं में अंतर्कलह चरम पर है। कांग्रेस के कुछ पूर्व विधायकों ने तो पूर्व प्रभारी कुमारी सैलजा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पैसों के लेन-देन का आरोप भी लगाया था। इसके ऑडियो-वीडियो भी वायरल हुए थे। जिन विधायकों का टिकट काटा गया था। उन्होंने दिल्ली में कई नेताओं से सैलजा की शिकायत की थी। कई पूर्व विधायकों ने भी सैलजा कुमारी के खिलाफ आलाकमान को इसके प्रमाण देने तक की बात कही थी।
पायलट पर 11 सीट की नई जिम्मेदारी
सचिन पायलट को आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ राज्य का प्रभारी बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब यहां लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फिर से नया जोश भरना होगा। राज्य में लोकसभा की 11 सीटों में इस समय बीजेपी के पास 9 सीट हैं। 2019 के चुनाव के समय छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार थी, बावजूद इसके राज्य में बीजेपी 9 सीट जीतने में कामयाब रही थी। इस बार जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तो राज्य में बीजेपी की सत्ता होगी ऐसे में कांग्रेस को और अधिक परिश्रम करना होगा।
राजस्थान में हार के बाद पायलट को दी नई जिम्मेदारी
बता दें कांग्रेस ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के बीच पार्टी संगठन में बड़े बदलाव किये थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी टीम के 12 महासचिव और इतने ही प्रदेश प्रभारियों की नियुक्ति की थी। इन नियुक्तियों में दो ऐसे नाम थे। जिन पर कांग्रेस की सियासत जानने वालों की नजरें हैं। पहला नाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का है। जिन्हें यूपी से हटाया गया है। तो वहीं दूसरा नाम राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में माना जा रहा था कि पूर्व डिप्टी सीउम पायलट को कांग्रेस आलाकमान राज्य में ही बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। पायलट को फिर से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने की भी चर्चा थी, लेकिन यह सब निर्मूल साबित हुईं। फेरबदल में सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रभारी बनाकर राजस्थान की सियासत से लगभग बाहर ही कर दिया गया है।