दिव्यांगों को गूंगा-बहरा कहा तो अब नेताजी की खैर नहीं…भाषण देते समय किसी को ब​हरा कहा तो होगी ये सजा

Lok Sabha Elections 2024 Election Commission Political Parties Disabled Voters

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनाव आयोग ने सियासी पार्टियों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से जारी गाइड लाइन में पार्टियों को इलेक्शन कैंपेन में दिव्यांगों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं।

चुनाव आयोग की ओर से जारी किये गये दिए ये निर्देश

राजनीतिक पार्टियों को कैपेन के दौरान स्पीच, विज्ञापन, सोशल मीडिया पोस्ट और प्रेस रिलीज को दिव्यांगों के लिए जी जारी करना होगा। राजनीतिक पार्टियों को अपनी अपनी वेबसाइट पर बताना होगा कि उनकी पार्टी दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की तरह सम्मान से देती है। राजनीतिक पार्टियों को अपने कार्यककर्ताओं को दिव्यांग मतदाताओं से संपर्क करने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल जारी करना होगा। राजनीतिक पार्टियों को दिव्यांजन मतदाताओं की शिकायत सुनने के लिए अथॉरिटी भी अपॉइंट करना होगी।
राजनीतिक पाटियों को दिव्यांगजनों को कार्यकर्ता या मेंबर बनाना चाहिए। इससे दिव्यांगजनों की चुनाव में भागीदारी बढ़ेगी।

आयोग के सख्त निर्देश

आयोग ने सियासी पार्टियों से कहा है दिव्यांगों के लिए लूला लंगड़ा, गूंगा, पागल, सिरफिरा, अंधा, काना, बहरा अपाहिज जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। चुनावी कैंपेन के दौरान नेता अपनी स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज में ऐसे शब्दों को इस्तेमाल करते हैं दिव्यांगजन अधिकार एक्ट 2016 के सेक्शन 92 के तहत 5 साल तक की जेल हो सकती है।

विस चुनाव में दी थी वोट फॉर्म होम की सुविधा

बता दें चुनाव आयोग ने बीते कुछ समय से दिव्यांगों का वोट प्रतिशत बढ़ाने की कई कोशिशें की हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से दिव्यांगों के लिए खास सुविधा शुरू हुई है। इसमें 40% से ज्यादा दिव्यांग लोग घर से वोट डाल सके। इसके लिए उन्हें चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के 5 दिन के अंदर फॉर्म भरवाया गया । इसके बाद सरकारी कर्मचारी वोटिंग के लिए दिव्यांगों के घर पहुंचे। इस प्रोसेस की वीडियोग्राफी भी की गई। इसी तरह हिंदी भाषी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी दिव्यांगों के लिए ये सुविधा दी गई थी।

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