लोकसभा चुनाव 2024: 400 पार के लिए करना होगा भाजपा को इन चुनौतियों का सामना

BJP slogan crosses 400 in Lok Sabha elections 2024

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले BJP ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जीत कर लोकसभा चुनाव के लिए नारा गढ़ लिया है अगली बार 400 पार। बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के चुनावी मुद्दों का जिस तरह 3 राज्य में दम निकला है। उसका लाभ बीजेपी को हिंदी भाषी अन्य राज्यों में हो सकता है। लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन बाकी नहीं हैं। जिन तीन राज्यों में बीजेपी ने परचम लहराया है। ये राज्य हैं राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ है। जिसमें राजस्थान में लोकसभा सीटों की 25 में से बीजेपी के पास 24 सीट हैं। छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से बीजेपी की सीटों की संख्या 9 है। वहीं मध्य प्रदेश में लोकसभा की सीटों की 29 में 28 सीट बीजेपी के पास है। इस प्रकार इन तीनों राज्यों को मिलाकर देखें तो कुल 65 लोकसभा की सीटों होती हैं। जिनमें से अभी बीजेपी के पास 61 सीटें हैं।

इस साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सामने कई चुनौतियां हैं। पंजाब में उसे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ शिरोमणि अकाली दल से भी मुकाबला करपस होगा। बता दें अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आ चुकी है। कर्नाटक बीजेपी के हाथ से जा चुका है। बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन टूट चुका है। नए सहयोगी की ताकत पूरे राज्य में नहीं है। महाराष्ट्र में सहयोगी बदल चुके हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी ने एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना ( शिंदे गुट) के साथ मिलकर चुनाव में उतरेगी। 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी को सहयोगियों के साथ सीटें शेयर करनी होंगी। यूपी में भी बीजेपी ने नए सहयोगी चुने हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं। 2024 के चुनाव में वह दस फीसदी सीटें भी बढ़ा लेती है तो माना जाएगा कि मोदी मैजिक चल चुका है। इसके लिए बीजेपी को कर्नाटक के अलावा दक्षिण भारत के राज्यों में 70 सीटें हासिल करनी होगी।

हिंदी भाषी राज्यों की 193 लोकसभा सीट में से 177 पर बीजेपी

हिंदी भाषी राज्य यूपी, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की बात करे तो इन सभी राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 193 सीट हैं। इन राज्यों में 177 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। 2019 लोकसभा चुनाव में 177 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया है। बीजेपी के लिए चुनौती है कि इन राज्यों में अपनी सीट न सिर्फ बरकरार रखे बल्कि इसकी संख्या में इजाफा भी करे। 11 राज्यों में सीटों की बढ़ने की गुंजाइश कम ही है। विधानसभा चुनावों के इफेक्ट का आकलन करें तो यूपी और बिहार में ही बीजेपी अधिकतम सीटें जीत सकती है। लेकिन पूर्ण बहुमत के लिए पार्टी को बंगाल, असम, महाराष्ट्र और गुजरात में भी 2019 का प्रदर्शन दोहराना होगा। 2019 के चुनाव में बंगाल में बीजेपी को 18, महाराष्ट्र में 23 और गुजरात की सभी 26 सीटों पर जीत मिली थी।

पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में बीजेपी नरेंद्र मोदी के चेहरे के सहारे ही मैदान में उतरी थी। इसके चलते लगातार दो बार बीजेपी और एनडीए को बहुमत भी मिला था। लेकिन मोदी लहर के बाद भी कई बड़े राज्य ऐसे हैं। जहां बीजेपी का खाता भी नहीं खुला। बीजेपी कश्मीर से बिहार तक अगर उत्तर भारत की सभी सीटें जीत जाती हैं तो उसे 245 सीटें मिलेंगी। हालांकि ऐसा चमत्कार भारत की राजनीति में संभव नहीं है। 400 का आंकड़ा पार करने के लिए बीजेपी को तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, केरल और तमिलनाडु में भी कम से कम 10-10 सीटों की जरूरत होगी, जो आसान टास्क नहीं है। इन राज्यों की कुल 118 सीटों में से बीजेपी के पास सिर्फ चार सीटें हैं। जो तेलंगाना में मिली थीं।

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कर्नाटक में भी चुनौती मिल सकती है। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने 28 में 25 सीटें दक्षिण भारत के राज्य में जीती थीं। इस बार पार्टी ने जेडीएस के साथ चुनावी समझौता किया है। समझौते के कारण बीजेपी को 4 सीटें जेडी-एस को देनी होगी। यानी उसे उम्दा प्रदर्शन के लिए अपने खाते की सभी 24 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी, जो आसान नहीं है।

दक्षिण भारत में क्या करना होगा ?

कर्नाटक की सत्ता बदलने के बाद राज्य की राजनीति में कांग्रेस की दखल बढ़ी है। इसके अलावा बिहार में भी महागठबंधन में शामिल आरजेडी और जेडीयू भी दम रखती है। वहां बीजेपी के लिए खुद की सीटों का बढ़ाना भी चुनौती है। 2014 के चुनाव में बीजेपी अपने दम पर सर्वाधिक 22 सीट ही जीत सकी थी।

बिहार में महागठबंधन

बीजेपी के पास ओडिशा से केवल 8 लोकसभा सांसद हैं, जबकि बीजेडी के पास 20 सीटें हैं। इस पूर्वी राज्य में भी बीजेपी के लिए विस्तार की अपार संभावनाएं हैं लेकिन नवीन पटनायक की छवि के सामने ज्यादा उम्मीद करना आसान नहीं है। सपने पूरे करने के लिए बंगाल में भी बीजेपी को अपने पुराने रेकॉर्ड 19 सीटों से आगे बढ़ने की जरूरत होगी। आंध्रप्रदेश, केरल और तमिलनाडु में बीजेपी का खाता नहीं खुला था। वहां पहले एनडीए पार्टनर एआईडीएमके बिदक चुकी है। पूर्वोत्तर के राज्यों की कुल 25 लोकसभा सीटों में से अभी तक बीजेपी 11 क्षेत्रों में काबिज है। क्षेत्रीय पार्टियों की मजबूत मौजूदगी के कारण यह देखना होगा कि बीजेपी कितनी सीटें हासिल करती है। 400 का आंकड़ा पार करने के लिए बीजेपी को सभी 25 सीटें जीतनी होंगी। इसके अलावा बीजेपी को खुद मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीटों को विपक्ष के हाथों में जाने से बचाना होगा।

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