बीजेपी ने पिछले 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी वह क्लीन स्वीप नहीं कर पाई थी। इस बार यदि 370 के टारगेट से पार जाना है तो उसे इन राज्यों की सभी सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। जिसके लिए उसने अपनी रणनीति में भी बड़ा बदलाव किया है।
लोकसभा चुनाव की यात्रा आधे से अधिक पूरी हो चुकी है। चार चरण पूरे हो गए हैं। अब पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग होगी। जिसमें राज्यों की 49 लोकसभा सीटों पर मतदाता वोटिंग करते नजर आएंगे। अब तक के चरणों चार चरणों में जो मतदान हुआ है। उसे लेकर बीजेपी उत्साहित नजर आ रही है। बड़े लक्ष्य के को लेकर चुनाव मैदान में उतरी बीजेपी को उन सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद नजर आ रही है, जहां पिछली बार 2019 में वह चुनाव हार गई थी। ऐसी करीब 160 सीटों में से कम से कम आधी सीटों पर बीजेपी को अपनी जीत का भरोसा है। इतना ही नहीं इसके अलावा भाजपा अपनी मौजूदा सीटों को लेकर भी बहुत ज्यादा कमी नहीं देख रही है। चुनाव के तीन चरण पूरे होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने आगे की चुनावी रणनीति पर मंथन किया था। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों की माने तो पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई करीब 160 में से आधी सीटों पर पार्टी को जीतने का भरोसा है।
- लोकसभा चुनाव की यात्रा आधे से अधिक पूरी
- चार चरण पूरे अब पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग
- चार चरणों के मतदान से बीजेपी उत्साहित
- बड़े लक्ष्य के को लेकर चुनाव मैदान में उतरी बीजेपी
- पिछली बार हारी सीटों पर जीत की उम्मीद
- 2019 में करीब 160 सीटों पर चुनाव हार गई थी बीजेपी
- बीजेपी को ऐसी 160 सीटों में से आधी सीट पर जीत का भरोसा
- बीजेपी का मानना है मौजूदा सीटों में नहीं होगी ज्यादा कमी
- तीसरे चरण के बाद बीजेपी नेतृत्व ने बना ली थी आगे की रणनीति
- रणनीति बनाने में संघ पदाधिकारियों ने भी दी सलाह
160 सीटों पर दो साल पहले से BJP की तैयारी
दरअसल बीजेपी में हारी हुई सीटों पर 2 साल पहले ही चुनाव की तैयारी में जुट गई थी। यहां कई केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को इन 160 सीटों का जिम्मा सौंपा गया था। नेताओं ने हारी हुई सीटों पर लंबे समय तक प्रवास कर पार्टी कार्यकर्ताओं को न केवल सक्रिय किया बल्कि बूथ स्तर की भी जानकारी हासिल की। स्थिति का आंकलन कर चुनावी रणनीति तैयार की। इस रणनीति में जाति और सामाजिक समीकरण प्रमुख रहे। जिसके आधार पर पार्टी ने इन सीटों पर उम्मीदवार तय किए हैं। यही वजह है कि बीजेपी को उम्मीद है कि इन सीटों पर चुनाव परिणाम उसके पक्ष में नजर आएंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने गठबंधन का दायरा भी बढ़ा लिया था। इसका लाभ भी बीजेपी को इन सीटों पर मिलने की उम्मीद नजर आ रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की माने तो पार्टी की जो मौजूदा सीट हैं उसमें बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। कुछ सीट भले ही इधर-उधर हो सकती हैं लेकिन पार्टी अधिकांश सीटों पर फिर से जीतने में सफल रहेगी।
बूथ स्तर पर बीजेपी पदाधिकारी सक्रिय
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के बाकी तीन चरणों के लिए भी अपनी रणनीति और अधिक मजबूत कर लिए पार्टी अब हर बूथ पर एक वरिष्ठ नेता की निगरानी में चुनावी तैयारी कर रही है। यहां चुनावी बूथ की सभी टीमों को यह नेता पार्टी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं। जिससे किसी भी चुनावी बूथ पर उसकी टीम कमजोर ना पड़े और मतदान के दिन एजेंट से लेकर बाहर तैनात किए जाने वाले कार्यकर्ता पूरी सजकता के साथ मतदान में सक्रिय रहे। वहीं दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इन सीटों पर सघन जनसंपर्क के साथ प्रचार में जुटे हैं। जिन नेताओं की सीट पर या क्षेत्र में चुनाव हो चुके हैं। वहीं शेष सीटों पर जाकर चुनाव प्रचार करने के साथ ही जमीनी स्तर पर काम में जुट गए हैं। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों और समुदायों के वरिष्ठ नेता भी संपर्क और संवाद करते नजर आ रहे हैं। छोटी-छोटी बैठकों के साथ लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है।
गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए भी बहा रहे पसींना
वहीं बीजेपी नेता गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए भी पूरी ताकत लगाते नजर आ रहे हैं। बीजेपी को सबसे अधिक उम्मीद दक्षिण के राज्यों में है। पार्टी दक्षिण के राज्यों में अधिक जोर देती नजर आ रही है। यहां आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उसको खासी उम्मीद इस चुनाव में नजर आ रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम के साथ गठबंधन के बाद बीजेपी को अच्छी सफलता मिलने की उम्मीद है। ऐसे में कर्नाटक में अगर कोई नुकसान होता है तो इसकी भरपाई आंध्र प्रदेश से बीजेपी कर सकती है। वहीं केरल और तमिलनाडु में भी पार्टी को पिछले चुनाव से बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद है। इन राज्यों में बीजेपी ने संगठन के प्रमुख नेताओं और पदाधिकारी के साथ कार्यकर्ताओं को बहुत पहले से भेज दिया था।