राष्ट्रीय राजनीतिक दल….इन राज्यों में नहीं खुला बीजेपी और कांग्रेस का खाता…

Lok Sabha election results National political party BJP Congress did not open its account in many states

लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो गए हैं। चार जून को चुनाव के परिणाम भी आ गए लेकिन जो परिणाम सामने आएं हैं, वो चौंकाने वाले हैं। देश के 12 राज्यों में जहां कांग्रेस का एक भी सांसद चुनाव नहीं जीता है। वहीं नौ राज्य ऐसे हैं जहां भारतीय जनता पार्टी का एक भी सांसद चुनाव नहीं जीत पाया है।

पंजाब में भी भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली

कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय राजनीतिक दल होने का दम भरते हैं। पिछले कई चुनाव में कांग्रेस पिछड़ती जा रही थी। पिछले दो लोकसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी ने देश के कई राज्यों में अपनी पहुंच बनाई थी। 2024 आते आते तक कोई भी ऐसा राष्ट्रीय राजनीतिक दल नहीं है। जिसे संसद में सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राप्त हो। भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में एक भी सीट हासिल नहीं हुई है। पांडिचेरी में भाजपा गठबंधन की सरकार होते हुए भी, वह लोकसभा के चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं जिता पाई। वहीं सीमावर्ती राज्य पंजाब में भी भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली।

पूर्वोत्तर राज्यों में मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम में भारतीय जनता पार्टी खाता नहीं खोल पाई है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी इस बार भारतीय जनता पार्टी का सफाया हो गया है। भारतीय जनता पार्टी को, नौ राज्यों में एक भी लोकसभा की सीट हासिल नहीं हुई है।

तीन दशक से चुनावों मे राष्ट्रीय स्तर पर कमजोर होती नजर आ रही कांग्रेस

स्वतंत्रता आंदोलन की पार्टी कांग्रेस भी पिछले तीन दशक से चुनावों मे राष्ट्रीय स्तर पर काफी कमजोर होती नजर आ रही है। हालांकि कई बड़े नेताओं वाली पार्टी कांग्रेस को 2014 और 2019 की तुलना में 2024 के चुनाव में बड़ी सफलता मिली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा और भारत न्याय यात्रा के माध्यम से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का प्रयास जरूर किया है। इस चुनाव में उसका लाभ कांग्रेस को मिला है। लेकिन चुनाव से पहले देशभर के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों कांग्रेस नेता और हजारों कार्यकर्ता चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। कई राज्यों में कांग्रेस का संगठन नहीं होने तथा राज्यों की अलग-अलग समस्याओं से कांग्रेस का कोई सीधा संबंध नहीं रह गया था। कांग्रेस और भाजपा के कमजोर होने का लाभ चुनाव मे क्षेत्रीय दलों को मिला।

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