लोकसभा चुनाव को अब केवल कुछ दिन ही शेष रह गए हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में मतदान होगा। जिसमें पहले चरण में बस्तर लोकसभा सीट के लिए मतदान होगा। जिसके लिए 27 मार्च तक नामांकन पत्र जमा किये गये। बीजेपी के उम्मीदवार महेश राम कश्यप ने अंतिम दिन से एक दिन पहले ही 26 मार्च को शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन भरा था। वहीं कांग्रेस की ओर से कवासी लखमा ने भी अंतिम दिन अपना नामांकन जमा किया है। ऐसे में बस्तर क्षेत्र का क्या है सियासी रंग।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनावी समर
- पहले चरण में बजी रणभेरी
- आमने-सामने कांग्रेस और बीजेपी
- महेश राम कश्यप हैं बीजेपी उम्मीदवार
- कवासी लखमा है कांग्रेस प्रत्याशी
- कवासी लखमा की बढ़ रही मुश्किलें
- पार्टी के नेताओं ने खोला है मोर्चा
- स्थानीय प्रत्याशी की कर रहे हैं मांग
- चुनावी समर…बस्तर का रण
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र…पहला चरण
- महेश राम कश्यप VS कवासी लखमा
- कांग्रेस में पंगा…बीजेपी का मन चंगा
- शिवनारायण का चर्चा…कवासी ने भी भरा पर्चा
बस्तर के लोकसभा सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जाती है नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पहले चरण में ही 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान किया जाएगा। कांग्रेस की ओर से पीसीसी चीफ दीपक बैज की टिकट काटकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कवासी लखमा को बस्तर का प्रत्याशी बनाया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने महेश राम कश्यप पर अपना विश्वास जताया है। बस्तर में बीजेपी ने रैली निकाली। जिस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि पिछली बार हम बस्तर में चूक गए थे। लेकिन जिस तरह से हमारी सरकार की नीति है इस पर पूरी बहुमत के साथ हम बस्तर में भी अपनी सरकार बनाएंगे।
कांग्रेसी ही कर रहे कवासी का विरोध
वहीं काफी विचार मंथन के बाद कांग्रेस ने कवासी लखमा को लोकसभा चुनाव में बस्तर से कवासी लखमा को अपना प्रत्याशी बनाया है। कवासी लखमा ने अपने पुत्र के लिए भी टिकट मांगा था और वही दीपक बैज को भी प्रत्याशी माना जा रहा था, लेकिन आला कमान ने दीपक बैज को टिकट न देकर कवासी लखमा पर विश्वास जताया। बस्तर लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री कवासी लखमा को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन पर पैसे बांटने का आरोप लगा और इस आरोप के बाद एफआईआर भी दर्ज हो गई। इसके बाद अब लखमा के खिलाफ उन्हीं के पार्टी के नेता ने भी मोर्चा खोल दिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी ने उनकी टिकट काटने की मांग की है। उन्होंने कवासी लखमा की जगह स्थानीय नेता को मौका देने की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है।
पहले चरण के चुनाव के लिए बस्तर लोकसभा सीट से अब तक कुल 5 प्रत्याशियों ने 7 नामांकन पत्र भरे हैं। 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होना है। देखना होगा कि आखिर इस नक्सली गढ़ में आदिवासियों का मतदान किसके पक्ष में जाता है।