कैश-फॉर-क्वेरी ने छिन ली टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता

Lok Sabha cash-for-query TMC MP Mahua Moitra

कैश फॉर क्वेश्चन मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। एनडीए की तरफ से महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने के लिए लाए गए प्रस्ताव को ध्वनमित से पारित कर दिया गया है। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पेश की गई थी। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा ने मंजूर कर लिया है।

वैसे महुआ मोइत्रा लंबे समय से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले को लेकर सुर्खियों में थी। आखिरकार 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले में उनकी सदस्यता रद्द कर ही दी। आखिर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने को लेकर लोकसभा की सदस्यता गवाने वाली महुआ मोइत्रा कौन हैं हम बताते हैं आखिर कौन हैं महुआ मोइत्रा? जिन्हें लोकसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा। बता दें सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पेश की गई थी। रिपोर्ट को लेकर जैसे ही लोकसभा में चर्चा हुई तो टीएमसी के साथ ही विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई ने सीबीआई में शिकायत की थी। जिसमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का गंभीर आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मामले की जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्रई ने यह आरोप लगाया है कि महुआ मोइत्रा ने अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए संसद की अपनी लॉग-इन आईडी उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी दिया था।

कोलकाता से पढ़ने गईं लंदन

कोलकाता में जन्मीं टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता से अमेरिका चली गईं थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद लंदन की प्रतिष्ठित बैंकिंग कंपनी में उन्होंने नौकरी भी की और देखते ही देखते वे कम समय में इस कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट की कुर्सी तक जा पहुंचीं। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने अपनी नौकरी छोड़कर बंगाल की राजनीति से जुड़ने का फैसला किया।

नौकरी छोड़ पकड़ी बंगाल की राजनीतिक राह

लंदन में बैंकिंग कंपनी की नौकरी से उबकर महुआ वापस अपने बंगाल वापस लौट आईं। मोइत्रा ने 2016 विधानसभा चुनाव में करीमपुर सीट से चुनाव मैदान में उतरी और जीत हासिल की। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा पहली बार टीएमसी के टिकट पर मैदान में उतरी और जीतकर लोकसभा पहुंचीं। महुआ ने बीजेपी प्रत्याशी कल्याण चौबे को करीब 63 हजार मतों से परास्त किया था।

बीजेपी के निशिकांत दुबे के आरोप ने छीन ली सदस्यता

टीएमसी सांसद महुआ अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहती हैं। हाल ही में उन पर बीजेपी के निशिकांत दुबे ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं उन्होंने टीएमसी सांसद मोइत्रा और कारोबारी के बीच नकद ही नहीं उपहारों के आदान प्रदान का भी दावा किया। दुबे ने बताया था कि संसद में सवाल पूछने के बदले टीएमसी सांसद महुआ और कारोबारी के बीच पैसों और उपहार का लेनदेन होता है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेटर लिखकर टीएमसी सांसद के खिलाफ जांच समिति गठित करने के साथ उन्हें लोकसभा से निलंबित करने की मांग की थी। निशिकांत दुबे ने पत्र में यह भी कहा था कि संसद सत्र के दौरान महुआ मोइत्रा और तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में AITC की चिल्लाने वाली ब्रिगेड बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार करती थी, सदन की कार्यवाही को बाधित की जाती थी। इसके तहत महुआ सदन के दूसरे सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती रही हैं।

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