विशेषज्ञों की माने तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में जो आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 पेश किया है वह देश को विकास की राह पर लेकर जा रहा है। वित्त वर्ष 2025 के दौरान इसमें करीब 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। बजट से पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ करीब 6.5 से 7% रहेगी।
- आर्थिक सर्वेक्षण की ये बड़ी बातें
- एयरपोर्ट सेक्टर में 72000 करोड़ रुपये का CAPEX
- शिक्षा और रोजगार में संतुलन बनाना जरूरी
- राज्यों की क्षमता बढ़ाने पर फोकस जरूरी
- भारत 2030 तक बनेगा ग्लोबल ड्रोन हब
वित्त मंत्रालय की ओर से हर साल बजट से पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाती है। सर्वे को संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाता है। सर्वे में पिछले 12 महीनों में देश की अर्थव्यवस्था में हुए विकास की समीक्षा की गई है। इस बात की भी जानकारी दी गई कि इस साल 2024 के इस बजट से आम आदमी क्या उम्मीद रख सकता है।
- आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी बड़ी बातें
- आर्थिक सर्वेक्षण में आम तौर पर दो खंड होते हैं
आर्थिक सर्वेक्षण में आगामी वर्ष के लिए बजट प्राथमिकताओं की जानकारी होती है। विकास समीक्षा के साथ-साथ जिन क्षेत्रों पर जोर देने की जरूरत है उन पर भी प्रकाश डाला गया है। यह सर्वे आसपास हो रही कई समस्याओं का विश्लेषण करता है और उनके कारण भी बताता है। आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के मार्गदर्शन में संकलित किया जाता है। इसे 1950-51 से 1964 की अवधि के बजट के साथ पेश किया गया था। अब इसे बजट से पहले पेश किया जाता है।
2024 में 8.2% रही जीडीपी ग्रोथ
31 मई को सरकार ने पूरे वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024 के लिए अनंतिम जीडीपी अनुमान की घोषणा की थी। वित्तीय वर्ष2024 में जीडीपी वृद्धि 8.2% थी। FY23 में GDP ग्रोथ 7% रही। एक महीने पहले आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% कर दिया था। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा था।
वित्तमंत्री ने बताया कि FY24 में वैश्विक ऊर्जा मूल्य सूचकांक गिर गया। सरकार ने रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कीं। इससे वित्त वर्ष2024 में खुदरा ईंधन मुद्रास्फीति कम रही।इससे पहले अगस्त 2023 में एलपीजी की कीमत में 200 रुपये की कटौती की गई थी। जबकि मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की कमी की गई। प्रतिकूल मौसम की स्थिति, घटते जल संसाधनों और फसल के नुकसान के कारण कृषि क्षेत्र को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इससे कृषि उत्पादन और खाद्य कीमतें प्रभावित हुईं। इससे वित्त वर्ष 24 में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 7.5% हो गई। 2023 में यह 6.6% थी।
पीएम-सूर्य घर योजना से 30 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। इस पहल का लक्ष्य सौर मूल्य श्रृंखला में लगभग 17 लाख नौकरियां पैदा करना है। पीएम-सूर्य घर योजना इस साल फरवरी में 75,021 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई थी। भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ती कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में प्रति वर्ष औसतन 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। वित्त वर्ष 26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5% या उससे नीचे रहने की उम्मीद है।
बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में भी इसकी जानकारी दी थी। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा 0.7% घटकर 5.1% रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 से 7% है। वित्त वर्ष 2024 में भारत की वास्तविक जीडीपी 8.2% की दर से बढ़ने का अनुमान है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब जीडीपी 7% से ऊपर दर्ज की गई है।