रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति ने शुक्रवार को अंतर सेना संगठन (कमान), नियंत्रण और अनुशासन विधेयक 2023 से जुड़ी हुई एक रिपोर्ट में सरकार से यह सिफारिश की है कि इस बिल को बिना किसी संशोधन के संसद में पारित कर दिया जाए। बिल से संबंधित समिति की यह 39वीं रिपोर्ट है,जिसे लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया गया है। लोकसभा में इस विधेयक को इस साल मार्च महीने के मध्य में पेश किया गया था। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 24 अप्रैल 2023 को इस बिल को रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति को सौंप दिया था। जिसके बाद ही यह रिपोर्ट संसद में पेश की गई है। अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि इस प्रस्तावित विधेयक और उसमें शामिल नियमों को बिना किसी संशोधन के संसद में पारित कर दिया जाए।
थियेटर कमांड को लेकर कवायद शुरू
गौरतलब है कि इस विधेयक की मदद से रक्षा मंत्रालय की कोशिश यह है कि सेना की त्रिस्तरीय कमांड जैसे अंडमान निकोबार में कार्यरत सैन्य कर्मियों को लेकर अनुशासनात्मक या अन्य कार्रवाई के वक्त मदद मिलेगी। उस दौरान भले ही उक्त कमांड का मुखिया यानी कमांडर भले ही सेना की किसी भी शाखा (सेना, वायुसेना और नौसेना) से हो। उसे कमांड में शामिल प्रत्येक कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होगा। भले ही सैन्य कर्मी सशस्त्र सेनाओं के तीनों में से किसी भी अंग से जुड़ा हुआ क्यों न हो। पहले इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी।
अधिकार नहीं था
जिसके चलते त्रिस्तरीय सैन्य कमांड के मुखिया को अपने मातहत आने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं था। आवश्यकता पड़ने पर उनके खिलाफ कार्रवाई सेना के उसी अंग द्वारा की जाती थी। जो उनकी मूल तैनाती से जुड़ा हुआ था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस विधेयक की मदद से मंत्रालय एक तरह से थियेटर कमांड के गठन और उसे लेकर सेनाओं के सभी अंगों के बीच एकजुटता और समन्वय स्थापित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है।