जानें क्या है सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का MP के विंध्य से रिश्ता…

Lieutenant General Upendra Dwivedi Indian Army Chief Admiral Dinesh Kumar Tripathi Navy Chief

विंध्य के सपूत लेफ्टीनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भारतीय सेना अध्यक्ष बनाये गए हैं। विंध्य के ही एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी नौसेना प्रमुख का पदभार संभाल चुके हैं। देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंच कर दोनों ने न केवल विंध्य बल्कि मध्यप्रदेश का नाम पूरे देश में ऊंचा किया है। यह भी एक सुखद संयोग है कि दोनों अफसर स्कूल के अभिन्न मित्र हैं। दोनों ने एक साथ ही रीवा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई भी की है।

सैनिक स्कूल से सेना की कमान तक का सफर

जी हां रीवा के सैनिक स्कूल से दोनों के शानदार करियर की शुरुआत हुई थी। दोनों ने पहली बार एक कैडेट के तौर पर रीवा के सैनिक स्कूल में ही एक साथ वर्दी पहनी थी। हालांकि दोनों सेना में अलग अलग रास्ते पर चलते हुए देश की सेवा करते रहे। एक ने समुद्र यानी नौसेना तो दूसरे ने जमीन यानी थलसेना को चुना। इसके बाद भी दोनों की दोस्ती अटूट रही।

एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 1 मई 2024 को भारतीय नौसेना प्रमुख बनाए गए थे। उन्होंने कमान भी संभाल ली है। 3 जून 1964 को जन्मे दिनेश त्रिपाठी ने अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नौसेना के जरिए देश की सेवा का रास्ता चुना। उन्होंने इस दौरान अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं। उधर 1 जुलाई 1964 को जन्मे उपेन्द्र द्विवेदी 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किये गये थे।

उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी रीवा के गढ़ के समीप मुड़िला गांव के निवासी हैं। इसी तरह एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी सतना जिले के रामपुर बघेलान स्थित मडुहर गाँव के रहने वाले हैं।

रीवा का सैनिक स्कूल वैसे तो पिछले कई साल से युवाओं को भारतीय सेना में करियर बनाने के तैयार कर रहा है,लेकिन यह पहली बार होगा एक ही स्कूल में साथ पढ़े दो सहपाठी सेना और नौसेना में अहम पदों पर एक साथ पहुंचे हैं। एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का इस तरह एक साथ सेवा प्रमुख के पद पर पहुंचना अपने आप में भारतीय इतिहास की पहली घटना है।

साथ तय किया क्लास से कमान तक का रास्ता

भारतीय सेना के नए प्रमुख बनाए गए लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने आज रविवार 30 जून से यह जिम्मेदारी भी संभाल ली है। इससे पहले 26 महीने की सेवा के बाद 30 जून को मनोज पांडे सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए हैं। उपेन्द्र द्विवेदी के भारतीय सेना प्रमुख का पद संभालते ही ऐसा पहली बार हुआ है जब दो सहपाठी एकसाथ भारतीय सेना प्रमुख के सबसे उंचे ओहदे पर पहुंचे हैं। इसे भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो दोस्तों के हाथ में नौसेना और थलसेना की कमान है। बता दें आज 30 जून को जहां लेफ्टिनेंट जनरल  उपेंद्र द्विवेदी ने थलसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली तो वहीं एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी पहले से ही नौसेना के प्रमुख का दायित्व संभाल रहे हैं।

एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी दोनों का साथ काफी पुराना है। साल 1970 के दशक में ये दोनों ही स्कूल के शुरुआती दिनों में सहपाठी रह चुके हैं। एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी महज सहपाठी ही नहीं थे बल्कि दोनों के रोल नंबर भी आगे-पीछे ही आया करते थे। एडमिरल दिनेश त्रिपाठी का रोल नंबर जहां 938 था तो वहीं लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का रोल नंबर 931 हुआ करता था। यह दोनों ही रीवा के सैनिक स्कूल में क्लासमेट हुआ करते थे।

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