एक समय था जब अमेरिका भारतीयों को वीजा देने के नाम पर तरह तरह की बहानेबाजी करता था। यहां तक की गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी वीजा देने से इंकार कर दिया था। आज यही अमेरिका भारतीयों के प्रति उदारवादी नीति अपना रहा है। खुले मन से भारतीय छात्रों को वीजा बांटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। आइए जानते हैं आखिर अमेरिका क्यों इतना उदारवादी रास्ते पर चल पड़ा है।
भारत की विदेश नीति का प्रभाव
ये बात सच है कि इन दिनों अमेरिका भारत का मुरीद हो गया है। इसके अलावा कई देश ऐसे हैं जो भारत के प्रति बेहतर संबंध बनाने को लालायित रहते हैं। जबकि कुछ देशों से काफी अच्छे सबंध है और व्यापारिक समझौते भी हुए हैं। यह सब भारत की बेहतर विदेश नीति का परिणाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के चलते संभव हुआ है।
दुनिया के अन्य देशों से ज्यादा मिले वीजा
भारत में अमेरिका के नवनियुक्त राजदूत एरिक गार्सेटी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में किसी और देश के मुकाबले सबसे ज्यादा छात्र भारत से आते हैं। पिछले साल का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2022 में हर पांच अमेरिकी छात्रों में से एक छात्र वीजा भारतीय छात्र को प्रदान किया गया। दुनिया के किसी अन्य देश की तुलना में भारत के छात्र काफी तादाद में अमेरिका पहुंचते हैं। इसलिए ही भारतीयों ने अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की है। यह जानकारी अमेरिका के राजदूत ने 7 जून को राजधानी में आयोजित किए गए 7वें वार्षिक वीजा दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दी। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों ने दशकों से अमेरिका में अपनी उत्कृष्टता दिखाई है। हम अपने इतिहास में सबसे अधिक वीजा आवेदनों को संसाधित करने के ट्रैक पर हैं। उन्होंने इससे जुड़े मिशन के काम को देखना, अमेरिका और भारत के संबंधों की ताकत को महसूस करना बहुत प्रेरणादायक बताया। किसी भी अन्य देश के छात्रों की तुलना में अधिक भारतीय छात्र अमेरिका आते हैं।
साढ़े तीन हजार आवेदकों का लिया साक्षात्कार
गार्सेटी ने कहा कि पिछले वर्ष वीजा के मामले में भारत शीर्ष पर पहुंच गया था। मैं उस रिश्ते को सबसे ऊपर देखता हूं कि कैसे हम न केवल उच्च शिक्षा के लिए अमेरिकियों का स्वागत करने के अपने मूल्यों को स्पष्ट करते हैं। बल्कि दुनिया के लिए उस दरवाजे को खोलते हैं। यहां बता दें कि भारत में अमेरिकी मिशन के सातवें वार्षिक वीजा दिवस कार्यक्रम में नई दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई के कांसुलर अधिकारियों ने करीब तीन हजार 500 भारतीय छात्र वीजा आवेदकों का साक्षात्कार लिया। अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कुल आबादी में 21 फीसदी से अधिक भारतीय छात्र शामिल हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान करीब 2 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में अध्ययन कर रहे थे। इस वर्ष भी वीजा आवेदनों को तीव्र गति से पूरा किया जाएगा। आगामी कुछ हफ्तों में हम जुलाई और अगस्त महीने में कई हजार छात्र वीजा आवेदकों को वीजा जारी करेंगे।
जारी किए सवा लाख छात्र वीजा
अमेरिका के दूतावास के आंकड़ों के हिसाब से भारत में मौजूद अमेरिकी मिशन ने सवा लाख से अधिक छात्र वीजा जारी किए हैं। यह अपने आप में रिकॉर्ड है। बीते वर्ष 2022 में भारतीयों को सबसे ज्यादा एच एंड एल रोजगार वीजा और एफ1 छात्र वीजा जारी किए गए। दूतावास ने कहा कि बीते एक साल में वह वीजा जारी किए जाने की 20 से अधिक श्रेणियों में वेटिंग समय महामारी से पहले की अवधि में जा पहुंचा है। हमारा ध्यान पर्यटक वीजा आवेदकों को वीजा जारी किए जाने में लगने वाले समय को कम करने पर केंद्रित है। जो कि साक्षात्कार के इंतजार में हैं।