लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किल कम होने के बजाए लागातर बढ़ती जा रही हैं। एक तो इंडिया गठबंधन लगातार दरकता जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के सामने बड़ी समस्या ये है कि कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी मैदान में नहीं जाना चाहते।
- राहुल गांधी चाहते हैं चुनाव लड़े कांग्रेस के बडे़ नेता
- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव से भाग रहे कांग्रेसी
- लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरना नहीं चाहते बड़े नेता
- मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ नहीं लड़ेंगे चुनाव!
- दिग्विजय सिंह ने भी किया चुनाव लड़ने से इनकार
- दिग्विजय पहले ही कह चुके हैं कि वे फिलहाल राज्यसभा में हैं
- कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने किया खुद के चुनाव लड़ने का एलान
- छिंदवाड़ा से कांग्रेस सांसद हैं नकुल, छिंदवाड़ा से ही लडे़ंगे चुनाव
- मध्यप्रदेश में कांग्रेस के इकलौते सासंद हैं नकुलनाथ
- नकुल ने किया अपने टिकट का ऐलान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते हैं कि पार्टी के बड़े नेता सभी चुनावी मैदान में उतरे। लेकिन पार्टी सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी की ये बात बड़े नेता नहीं मानना चाहते हैं। हाल ही में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं अगर उनकी बात करें तो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह चुनाव लड़े तो दिग्विजय सिंह ने पहले ही कह दिया कि वे फिलहाल राज्यसभा में हैं। ऐसे में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं कमलनाथ के बेटे और मध्यप्रदेश में कांग्रेस के इकलौते सासंद नकुलनाथ ने अपने टिकट का ऐलान भी कर दिया। उन्होंने छिंदवाड़ा से ही लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया औऱ कहा कि पापा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान मे भी कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव से दूर
कमोबेश यही हाल छत्तीसगढ और राजस्थान में भी हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव की माने तो वे अगर चुनाव लड़ेंगे तो 11 सीटों पर प्रचार ठीक से नहीं कर पाऐंगे। राजस्थान का भी यही हाल है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व सीएम अशोक गहलोत लोकसभा के चुनावी मैदान में नहीं उतरना चाहते हैं। अजय माकन ही नहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा भी इस बार आम चुनाव से दूर रहना चाहते हैं। ऐसे में आलाकमान के सामने इस बात को लेकर परेशानी है कि चुनावी मैदान में उम्मीदवारों का हौसला अफजाई कैसे होगी। इसके साथ ही इस बात को लेकर भी चिंता है कि अगर बड़े चेहरे चुनाव नहीं लड़ रहे तो चुनावों के समय उनको क्या भूमिका दी जा सकती है।