जानें कैसे हुआ था उस बजरंग दल का जन्म , जिसे कांग्रेस ने कर्नाटक चुनावों में बैन करने का किया है ऐलान

जानें कैसे हुआ था उस बजरंग दल का जन्म , जिसे कांग्रेस ने कर्नाटक चुनावों में बैन करने का किया है ऐलान

कर्नाटक चुनाव का पारा इस समय अपने चरम पर है. पार्टियां जनता को लुभाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही हैं.दोनों तरफ से एक दूसरे पर वार पलटवार किए जा रहे हैं. सांप जहर से शुरू हुई बीजेपी कांग्रेस की लड़ाई अब राम – हनुमान पर आ गई हैं. हाल ही में दोनों पार्टियों ने अपनी घोषणापत्र जारी किए. कांग्रेस ने मुस्लिम वोटबैंक हासिल करने के लिए ‘बजरंग दल’ को बैन करने का वादा किया. इतना कम नहीं था तो कांग्रेस नेताओं ने बजरंग दल की तुलना इस्लामिक कट्टरपंथी/चरमपंथी संगठन PFI से कर दी जिसके बाद कांग्रेस को इस फैसले पर भारी विरोध झेलना पड़ रहा हैं.

बजरंग दल भारत के सबसे बड़े संगठनों में से एक है. दल की पकड़ उत्तरी और दक्षिणी राज्यों मे बराबर है. आपको बता दें कि बजरंग दल और कांग्रेस की दुश्मनी काफी पुरानी रही है. आज कांग्रेस बजरंगियों को बैन करने की बात कर रही है लेकिन आज से 30 साल पहले भी दल को बैन कर चुकी है. चलिए आपको खबर के जरिए बजरंग के इतिहास के बारे में और अच्छे से बताते है और साथ ही यह भी बताते है कि कांग्रेस ने बजरंग दल पर बैन क्यों लगाया था.

 

कहां से शुरू हुआ बजरंग दल पर विवाद ?
हाल ही में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही कर्नाटक चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी किए. जहां बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ को लागू करने पर जोर दिया तो वहीं कांग्रेस ने जवाबी हमले करते हुए अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही.अब इस बात को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र अपनी रैलियों में कांग्रेस को बजरंग दल को बैन करने के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लें रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर घमासान देंखने को मिल रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के इस ऐलान के बाद कांग्रेस को जनता का काफी विरोध झेलना पड़ रहा हैं.

कैसे बना था बजरंग दल ?
बजरंग दल एक हिंदुत्वादी संगठन है जिसकी स्थापना.8 अक्टूबर, 1984 को अयोध्या में हुई थी. राम मंदिर को लेकर जब आरएसएस एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर रही थी, उस समय. उसे ऐसे लोगों की जरूरत पड़ी जो लोगों को मोबीलाईज कर सकें.इस संगठन की जिम्मेदारी उस समय के बीजेपी के फायर ब्रांड हिंदुत्ववादी नेता विनय कटियार को दी गई. दल का प्रमुख उद्देश्य लोगों तक हिंदुत्व को पहुंचाना था. धीरे धीरे बजरंग दल के साथ कई साधु संत जुड़ते गए और पूरे देश में लोकप्रिय होता गया.

कैसे काम करता है बजरंग दल ?
बजरंग दल के कार्यकर्ता हिंदु धर्म के प्रति जागरूकता अभियान चलाते है जिसमें लोगों को जोड़ा जाता हैं. दल के द्वारा अलग अलग राज्यों में समय समय पर रक्त दान जैसे सामाजिक कार्य भी किए जाते हैं. साथ ही दल गोवंश बचाने का भी काम करता है. आपको बता दें कि इस समय बजरंग दल के साथ 22 लाख कार्यकर्ता और 25 लाख से अधिक सदस्य शामिल हैं.

बजरंग दल पर कब लगा था बैन ?
बजरंग दल धीरे धीरे पूरे देश में लोकप्रिय होता चला गया. दल वीएचपी की छत्रछाया में पला बढ़ा और इससे जुड़े कार्यकर्ताओं ने राम जन्मभूमि आंदोलन और बाबरी विध्वंस में अहम भूमिका निभाई. बाबरी विध्वंस के बाद तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने बजरंग दल पर बैन लगा दिया था. हालांकि एक साल के बाद ही इस बैन को संगठन से हटा दिया गया था.

जानें बजरंग दल का जन्म , जिसे कांग्रेस ने कर्नाटक चुनावों में बैन करने का किया है ऐलान

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