केंद्र सरकार ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। बता दें कला और साहित्य के साथ विज्ञान, समाजसेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाली हस्तियों को भारत रत्न से नवाजा जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है साथ ही एलके आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिये जाने पर अपनी खुशी भी जाहिर की है।
- लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया ऐलान
- पीएम ने सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी
- भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं आडवाणी
- 2002 से 2004 तक रह चुके हैं पूर्व उपप्रधानमंत्री
- भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 हुई थी
- तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने की थी शुरुआत
- 1954 में केवल जीवित रहते ही दिया जाता था भारत रत्न
- 1955 के बाद से मरणोपरांत भी दिया जाने लगा भारत रत्न
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझाा करते हुए लिखा उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। पीएम ने लिखा कि उन्होंने भी श्री आडवाणी जी से बात की और देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई भी दी। पीएम मोदी ने कहा यह हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। भारत के विकास में आडवाणी जी का योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। बता दें लालकृष्ण आडवाणी पांच बार लोकसभा और चार बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। वहीं तीन बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी साल 2002 से 2004 तक देश के उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है ‘भारत रत्न’
बता दें भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह देश के लिए किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्यता प्रदान के लिये दिया जाता है। देश का यह सर्वोच्च सम्मान राजनीति ही नहीं कला और साहित्य के साथ विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक और वैज्ञानिक के साथ उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है। भारत रत्न से सम्मानित करने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने की थी। 1954 में यह सर्वोच्च सम्मान केवल जीवित रहते ही संबंधित व्यक्ति को दिया जाता था। लेकिन साल 1955 में संशोधन किया गया और मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने के प्रावधान को इसमें शामिल किया गया। भारत रत्न हासिल करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में बतौर अधिसूचना जारी कर की जाती है। भारत रत्न सम्मान हर साल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिया जाता है। 1954 में भारत रत्न सम्मान देने की शुरुआत हुई थी। स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के साथ पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था।