राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच का विवाद थमा भी नहीं था कि एक और नई सियासी जंग छिड़ गई है। यह घमासान अब केवल पायलट और गहलोत के बीच नहीं रहा है। इसकी आहट दिल्ली तक में सुनाई देने लगी है। मामले को कांग्रेस हाईकमान लगातार शांत करने की कोशिश कर रहा है लेकिन कांग्रेस विरोधी दल अब लाल डायरी के बहाने राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
दिल्ली में लाल डायरी के चर्चे
हाल ही कांग्रेस नेता राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में एक लाल डायरी लहराई थी। सभी के मन में कई तरह के सवाल उठे थे। आखिर इस डायरी में क्या है सभी को जानने की उत्सुकता थी। ये बात अलग है कि अभी डायरी के राज उजागर नहीं हुए हैं। लेकिन कांग्रेस विरोधी दिल्ली में कई नेताओं ने इस डायरी को तुरुप का इक्का मान लिया है। राजनीति को गहराई से देखने और समझने वाले लोगों के बीच यह डायरी चर्चा का विषय बन गई है। हर कोई इस डायरी के बारे में एक दूसरे से पूछ रहा है।
किसके हाथ लगी डायरी
लाल डायरी का असर राजस्थान से लेकर दिल्ली तक दिखाई दे रहा है। चर्चा इस बात को लेकर है कि इसमें आखिर किस किसका नाम है। क्या कारनामों का जिक्र इस डायरी में है। यदि हैं किन नेताओं के खिलाफ सबूत बनेगी यह डायरी। इसको लेकर हर रोज चर्चा होती है। ये भी कहा जा रहा है कि कई दिग्गज नेताओं को इस डायरी के राज पता चल गए है। हो सकता है कि चुनावों में मौका देखते ही इस डायरी के राज उजागर होने लगें।
राजस्थान पर भाजपा की नजर
यहां यह भी बताना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर भाजपा की नजर है। और दिग्गज नेताओं से सभाएं और बैठकें करना शुरु कर दिया है। राजस्थान से कांग्रेेस की सत्ता को बेदखल करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। यहां इसी साल विधानसभा चुनाव होना है और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए भाजपा राज्य सरकार के कारनामों को उजागर भी कर सकती है।