मध्यप्रदेश का कूनो नेशनल पार्क जब खुला था तो पूरे देश को लगा था कि अब भारत में भी चीते देंखने को मिलेंगे. लेकिन कूनो नेशनल पार्क से एक के बाद एक बुरी खबर सामने आते जा रही है. हाल ही में कूनों में जन्मी चीता ज्वाला ने चार शवकों को जन्म दिया था. अब खबर आ रही है कि चार शावकों में से एक शावक की मौत हो गई है. इस घटना के बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मच चुका है. विभाग मौत का कारण ढूंढने में जुटा है. पिछले 2 महीनों में यह चीतों की चौथी मौत है ,जिसके बाद से ही कूनों के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे है.आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भी चीतों की मौत पर चिंता जता चुका है.
दो खेप में लाएं गए है 20 चीते
चीतों की प्रजाति को दोबारा से भारत में जीवित करने के लिए भारत सरकार द्वारा पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर खुद इन चीतों को बाड़ो में छोड़ा था. इसके बाद दूसरी खेप में 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे. लेकिन अब इन चीतों की मौत से प्रोजेक्ट पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं.
पिछले 2 महीनों में 4 चीतों की मौत
कूनो नेशनल पार्क में पिछले 2 महीनों में 4 चीतों की मौत हो चुकी है. इन मौतों से कूनों पार्क और वन विभाग के प्रबंधन पर सवाल उठ रहे है. चीतों की घटती संख्या से वन विभाग भी चिंतित नजर आ रहा है. तीन चीतों और एक शावक की मौत के बाद अब कूनों में चीतों की संख्या 20 है, जिसमें 17 चीते है और तीन शावक हैं.
सुप्रीम कोर्ट भी है चिंतित
लगातार हो रही चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही सरकार को चीतों को राजस्थान भेजने पर विचार करने को कह चुका है. घटते चीतों के कुनबों से प्रोजेक्ट पर सवाल उठने शुरू हो गए है. अब देंखना होगा कि मध्यप्रदेश सरकार और वन विभाग चीतों के लिए क्या कदम उठाता है.अगर मप्र सरकार कोई कदम नहीं उठाती है, तो शायद हो सकता है कि भारत सरकार चीतों को मप्र से राजस्थान शिफ्ट कर दें.