थाइलैंड देश बहुत ही सुंदर देश है. यहां पर प्राकृतिक सुंदरता भरपूर है. दुनिया भर से पर्यटक थाईलैंड घूमने के लिए आते है . खासकर यहां का बैंकॉक शहर तो पूरी दुनिया में ही मौज मस्ती के लिए जाना जाता है. भारत से भी बड़ी मात्रा में ट्रैवलर्स थाइलैंड जाना पसंद करते है. लेकिन थाईलैंड जाने में उन्हें एक दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यह दिक्कत है फ्लाइट का आने जाने का खर्चा. थाईलैंड घूमने में जितना खर्चा नहीं आता है , उससे ज्यादा पैसे फ्लाइट बुक करने में लग जाते है. साथ ही कभी कभी फ्लाइट भी कैंसिल हो जाती है. लेकिन जल्द ही ये सारी समस्याएं खत्म होने वाली है. जी हां भारत सरकार दो देशों के साथ एक हाईवे बनाने की प्लानिंग कर रही है. यह हाईवे कोलकाता को बैंकॉक से जोड़ेगा. चलिए आपको इस हाईवे के बारे में ओर बताते हैं.
कैसा होने वाला है हाईवे ?
हाईवे की कुल लंबाई 2800 किलोमीटर होने वाली है. इसकी शुरूआत कोलकाता से होगी. कोलकाता से फिर यह सिलीगुड़ी, श्रीरामपुर, गुवाहाटी, कोहिमा और मोरेह होते हुए म्यांमार में प्रवेश करेगी. वहां से यह कलेवा, मांडले और यांगून होते हुए थाईलैंड से जुड़ जाएगी. तामू से यह सड़क माई सॉट और सुखोथाई होते हुए बैंकॉक जाएगी. कहा जा रहा है कि यह हाईवे भारत के सबसे बड़े स्ट्रेच को कवर करने वाला है.
2002 से था प्रोजेक्ट प्रस्तावित
आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट की अवधारणा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपाई द्वारा रखी गई थी. अप्रैल 2002 में भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच इस हाईवे प्रोजेक्ट पर सहमति बनी थी. हालांकि अब यह प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है. हाईवे का निर्माण बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन के तहत किया जा रहा है.
तीन देशों के प्रतिनिधियों ने की टिप्पणी
हाल ही में बिम्सटेक यानी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन(BIMSTEC) की बैठक में थाईलैंड, म्यांमार और भारत के प्रतिनिधि पहुंचे थे, जहां प्रोजेक्ट के विषय पर चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद तीनों देशों ने संयुक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगले 3-4 सालों में हाईवे निर्माण पूरा हो जाएगा.
4 सालों में खत्म होगा प्रोजेक्ट
बता दें कि थाईलैंड ने अपने एरिया में हाईवे का हिस्सा तैयार कर लिया है. वहीं म्यामांर के वाणिज्य मंत्री आंग टोंग वू ने कहा कि उनके देश की ओर से काम पूरा करने में तीन से चार साल लगने वाले है. उम्मीद जताई जा रही है कि सड़क को 2027 तक पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. हाईवे बनने से देशों के बीच व्यापार और पर्यटन बढ़ेगा, जिससे तीनोंको फायदा होने वाला है.