जानें कौन हैं कबिता सरकार? जो कोलकाता रेप-मर्डर केस में बनीं संजय रॉय की वकील…
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर अस्पताल की घटना से देश भर में आक्रोश अब भी थमा नहीं है। यहां सेमिनार हॉल में जिस तरह से दरिंदगी करते हुए एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर को रेप के बाद बर्बरता पूर्वक मार दिया गया था। रेप और हत्या के इस चर्चित मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय को अब अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए वकील मिल गया है। एक महिला वकील को अदालत ने उसकी पैरवी के लिए तैनात किया है। आइए, जानते हैं कि कौन हैं आरोपी की पैरवी करने वाली वकील कबिता सरकार?
- ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या का मामला
- मुख्य आरोपी संजय रॉय को मिला सरकारी वकील
- कोर्ट ने संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
- दरिंदे संजय रॉय को भी मिला कोर्ट में अपनी पैरवी के लिए वकील
- वरिष्ठ महिला वकील कबिता सरकार करेंगी संजय रॉय की पैरवी
आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और बर्बरता पूर्वक की गई हत्या का मुख्य आरोपी संजय रॉय है, जिसे सरकारी वकील मुहैया करा दिया गया है। इससे पहले अदालत ने जानवर प्रवृति वाले संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। संजय रॉय को अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। उसने दरिंदगी करते हुए आखिर कैसे एक ट्रेनी डॉक्टर को मौत की नींद सुला दिया, भारतीय संविधान में सभी अपना पक्ष कोर्ट में रखने की स्वतंत्रता दी गई है, ऐसे में दरिंदगी की हद पार करने वाले संजय रॉय को भी कोर्ट में अपनी पैरवी के लिए एक महिला वकील मिली है।
सियालदह कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म – हत्या के इस मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ वकील कबिता सरकार को नियुक्त किया है। बता दें कोई दूसरा वकील संजय रॉय के इस केस को लेने के लिए तैयार नहीं था। दरअसल साइकॉलोजिकल टेस्ट में सवालों के दौरान संजय रॉय ने बेहद बेशर्मी से जवाब दिये थे, हैवान संजय रॉय के खिलाफ ऐसे में पूरे देश की जनभावनाएं एकजुट नजर आई।
कबिता सरकार के सामने करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण केस
52 साल की कबिता सरकार को वकालत करते करते 25 साल पूरे हो चुके हैं। उनके इस लीगल करियर में अब तक का यह सबसे चुनौतीपूर्ण मामला है, जिससे वे निपट रहीं हैं। कबिता ने हुगली मोहसिन कॉलेज से विधि में स्नातक की उपाधि हासिल की और सिविल मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अलीपुर अदालत से अपने करियर की शुरूआत की थी। फरवरी 2023 में उन्हें आपराधिक कानून में एक्सपर्टिज के चलते स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी SALSA में वकील के रूप में चुना गया था। कबिता सरकार जून 2023 में सियालदह कोर्ट चलीं गईं। सियालदा कोर्ट में स्टेट लीगल अथॉरिटी की वे एक मात्र स्टैंडिंग लॉयर हैं। ऐसे में उन्होंने अदालत में जरूरी दस्तावेज दाखिल करने के बाद संजय रॉय का केस लड़ने की अनुमति मांगी है।
आखिर क्यों हाथ में लिया संजय रॉय का केस?
वरिष्ठ वकील कबिता सरकार ने कोलकाता ही नहीं देश भर में बेहद चर्चित हो चुके इस केस को हाथ में लेने की कई वजह बताई हैं। उन्होंने कहा कि अदालत मुकदमों के जरिए न्याय में विश्वास रखती हैं। मुकदमे से पहले के फैसलों में अदालत का विश्वास नहीं है। लिहाजा लीगल सिस्टम अभियुक्त सहित हर व्यक्ति को अपने आप को बेगुनाह साबित करने और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार पर जोर दिया जाता है। कबिता सरकार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान अपने साथ सीनियर वकील सौरव बनर्जी को साथ रखने की अपील की है।
नहीं चाहतीं किसी को मिले मौत की सजा
महिला वकील कबिता सरकार मौत की सजा के पक्ष में नहीं हैं। वे मृत्युदंड का हमेशा से ही विरोध करती हैं। यह वजह है कि अधिकतम सजा के तौर पर वे आजीवन कारावास को ही प्राथमिकता देतीं हैं। इसके साथ ही उनका मानना है कि अपराधियों को उनके अपराधों पर विचार करने का मौका मिलना चाहिए वे इसमें यकीन रखतीं हैं। साथ ही उनका कहना है कि भारतीय न्याय व्यवस्था का आधार ही यह है कि “दोषी सिद्ध होने तक निर्दोष” के सिद्धांत पर न्याय व्यवस्था जोर देती हैं।