हरियाणा विधानसभा चुनाव : एग्जिट पोल से इतर जानें क्या कहते हैं समीकरण…. इन आंकड़ों से समझिए किसकी बनेगी सरकार?
हरियाणा चुनाव को लेकर हुए मतदान के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी आ गए हैं। 4 सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल कांग्रेस को सत्ता के करीब दिखा रहे है। लेकिन इससे हटकर 3 ऐसे भी आंकड़े सामने हैं जिससे कुछ तस्वीर साफ हो रही है कि हरियाणा में किसकी सरकार बनेगी? वैसे मतदान के बाद से ही एग्जिट पोल की लहर चल रही है। जिसमें में कांग्रेस और बीजेपी को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। विधानसभा की 90 सीटों में से सरकार बनाने के लिए जरुरी बहुमत 46 विधायकों का होता है।
हरियाणा चुनाव, 8 को खुलेंगी ईवीएम
3 ऐसे भी आंकड़े जिससे कुछ तस्वीर हो रही साफ
बड़ा सवाल हरियाणा में किसकी सरकार बनेगी?
सरकार बनाने के लिए जरुरी बहुमत 46 विधायकों का है
इस बार फिर निर्दलीय और छोटे दल के परफॉर्मेंस पर नजर
2014 में बीजेपी को मिली थी 90 में से 47 सीट
2019 के चुनाव में निर्दलीय और छोटे दलों का रहा दबदबा
2019 में निर्दलीय 7, जेजेपी 10 और इनेलो-एचएलपी एक-एक
निर्दलीय और छोटे दल के परफॉर्मेंस पर नजर
हरियाणा में पिछले 15 साल के जो आंकड़े सामने आए हैं। उसके अनुसार हरियाणा में जब-जब निर्दलीय और छोटे दलों ने अधिक सीटें जीती हैं, तब-तब राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो सका है। 2009 की बात करें तो हरियाणा में उस समय विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में सबसे बड़ी पार्टी के रुप में कांग्रेस उभरी और उसे 40 सीट मिली थीं।
2009 के चुनाव में साल निर्दलीय जते तो हजका के 6 ,शिअद के 2 और एक बीएसपी के विधायक जीते। इसके अतिरिक्त 4 सीट पर बीजेपी को प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इसके बाद साल 2014 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय और छोटे दल के विधायकों की संख्या में गिरावट आई। 2014 के चुनाव में 5 निर्दलीय जीते और हजका की संख्या में भी सिर्फ 2 रही।
बीएसपी और शिअद के खाते में भी एक-एक सीटों गई। वहीं निर्दलीय और छोटे दलों के परफॉर्मेंस में गिरावट के चलते से बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाई थी।
रिवाज भी एक बड़ा फैक्टर
पिछले 20 साल के चुनावी रिकॉर्ड देखा जाए तो साल 2005 से लेकर 2024 तक हरियाणा में चार बार विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए। 2005 की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। उस 90 में से 67 सीट मिली थी। इसके पांच साल बाद 2009 के विधानसभा चुनाव मेंं कांग्रेस बहुमत के आंकड़े के करीब नहीं पहुंच सकी।
पांच साल बाद 2014 में चुनाव हुए तो बीजेपी ने चौंकाते हुए राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया, और कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता से दूर हो गई। बीजेपी 90 में से 47 सीट जीत चुकी थी। हालांकि 2019 के चुनाव में बीजेपी भी बहुमत के आंकड़ों से दूर हो गई। 2019 में बीजेपी 40 सीट पर ही जीत हासिल कर सकी।
बीजेपी की सत्ता का अब तक का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है वो कांग्रेस के ही समान है। ऐसे में अब 2024 के चुनाव परिणाम से पहले कहा जा रहा है कि इस साल बाद बीजेपी की सत्ता पलट भी सकती है।
लोकसभा चुनाव में क्लोज फाइट
पांच माह पहले ही लोकसभा के चुनाव कराए गए थे। उस समय यहां हरियाणा में लोकसभा की 10 लोकसभा में से 5 सीट कांग्रेस ने जीती। वहीं विधानसभा वार आंकड़े और मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो 90 में से 44 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को और 42 सीट पर कांग्रेस ने बढ़त हासिल की थी। जबकि 4 सीट पर आम आदमी पार्टी ने बढ़त बनाई थी। वर्तमान में आम आदमी पार्टी कांग्रेस से अलग होकर विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। माना जा रहा है कि ऐसे में हरियाणा विधानसभा की 90 विधानसभा सीटों में से सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 46 सीट है। इन आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है।