जानिए नेविगेशन सैटेलाइट कितना उपयोगी होगा!

भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ एनवीएस-1 को प्रक्षेपित किया है। इससे सशस्त्र बल मजबूत होंगे और नौवहन सेवाओं की निगरानी आसानी से की जा सकती है। भारत के अपने पोजिशनिंग सिस्टम ‘नाविक’ से लैस होकर जवान और सशक्त व घातक होंगे। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। इस सैटेलाइट से आम जन भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से लाभान्वित होंगे।

सात सैटेलाइट का एक ग्रुप

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने स्पेस के लिए नाविक सीरीज में नेक्स्ट जनरेशन सैटेलाई को लांच किश्स है। NavIC का पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है। श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2,232 किलोग्राम का यह GSLV सैटेलाइट उड़ान भर चुका है। इसरो द्वारा लॉन्च यह सैटेलाइट गूगल मैप से कई मायनों में बेहतर माना जा रहा है। नाविक पृथ्वी के ऑर्बिट में सात सैटेलाइट का एक ग्रुप है।

जीपीएस के लिए निर्भरता खत्म होगी

मैप के लिए गूगल और एपटल की जरूरत खत्म हो सकती है। नाविक के लांच के बाद से ही जीपीएस पर काम करने वाली सुविधाओं जैसे गूगल मैप और एपल मैप की जरूर कुछ हद तक कम हो जाएगी। हालांकि गूगल और एपल की जीपीएस सेवाएं यूजर के लिए फ्री में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम में नाविक भारत का सैटेलाइट क रूप में एंट्री कर चुका है। ऐसे में भारतीय यूजर्स को अब दूसरे देशों पर जीपीएस सेवाओं के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

देश के लिए होगा खास

मजबूत सैटेलाइट सिस्टम देश के लिए काफी हद तक खास रहेगा। नाविक सैटेलाइट लॉन्च होने के साथ ही भारत को एक मजबूत सैटेलाइट सिस्टम मिल गया है। दरअसल इस सिस्टम को विविल एविएशन सेक्टर की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया गया है। यह नेटवर्क भारत के सीमाओं के बाहर 1500 किलोमीटर तक के एरिया को कवर करता है। इस सैटेलाइट सिस्टम की मदद से भारत के पड़ोसी देशों काी जीपीएस सिस्टम का फायदा मिलेगा। इस के साथ ही भारत में आतंकवाद वाले इलाकों के सर्वे और मॉनिटरिंग के लिए भी यह लोकेशन बेस्ट सर्विस देश की सैन्य ताकतों को बल देने का काम करेगा। इस सर्विस का उपयो वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भी मददगार सावित हो सकेगा।

स्वदेशी परमाणु घड़ी से लैस

एनवीएस 01 के बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने बताया कि नाविक सीरीज में NVS-01 पहला सैटेलाइट है। जिसमें परमाणु घड़ी की सुविधा दी गई है। इस सीरीज में L1 बैंड सिगनल्स को भी जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त सैटेलाइट 2.4 kW का पॉवर जनरेट करने की क्षमता के साथ लीथियम-ऑयन बैटरी सपोर्ट के साथ तैयार किया गया है।

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